अपनी संस्कृति और संस्कारों को बचाना है, तो गंगा को बचाना होगा कुलपति प्रो एन के जोशी

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*अपनी संस्कृति और संस्कारों को बचाना है, तो गंगा को बचाना होगा कुलपति प्रो एन के जोशी*

हमें अपनी संस्कृति और संस्कारों को बचाना है, तो सबसे पहले अपनी गंगा को बचाना होगा, अपनी नदियों को बचाना होगा। नदियां बचेगी तो हमारी दुनिया बचेगी।

ऋषिकेश।पण्डित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्व विद्यालय परिसर, ऋषिकेश के नमामि गंगे प्रकोष्ठ,राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई,राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एन.एम.सी.जी.),जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार , राज्य परियोजना प्रबन्धन ग्रुप, नमामि गंगे उत्तराखण्ड के संयुक्त तत्वाधान में त्रिवेणी घाट में गंगा उत्सव आयोजित किया गया

परिसर के निदेशक प्रो महावीर सिंह रावत ने विश्वविद्यालय परिसर से परिसर से गंगा उत्सव रैली का उद्घाटन करते हुए त्रिवेणी घाट के लिए रवाना किया उन्होने रेली को संबोधन करते हुए कहा कि गंगा सिर्फ नदी मात्र ही नहीं हमारी सांस्कृतिक धरोहर है।

इस बात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार की ओर से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत वर्ष 2008 में भारत सरकार द्वारा गंगाजी को राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया था।

श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एन के जोशी ने अपने संदेश में कहा गंगा को स्वच्छ रखने के लिए पूर्ण संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ समन्वित प्रयास समय की मांग है।गंगा नदी कृषि, पर्यटन, साहसिक खेलों तथा उद्योगों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है

तथा अपने तट पर बसे शहरों की जलापूर्ति भी करती है। इसके तट पर विकसित धार्मिक स्थल और तीर्थ भारतीय सामाजिक व्यवस्था के विशेष अंग हैं। इसके ऊपर बने पुल, बाँध और नदी परियोजनाएँ भारत की बिजली, पानी और कृषि से संबंधित जरूरतों को पूरा करती हैं।

इस अवसर पर नमामि गंगे के नोडल अधिकारी डॉ. अशोक कुमार  मैन्दोला द्वारा  छात्र छात्राओं को मेरा संकल्प के अंतर्गत गंगा स्वच्छता की शपथ दिलाई गई उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अगर हमें अपनी संस्कृति और संस्कारों को बचाना है, तो

सबसे पहले अपनी गंगा को बचाना होगा, अपनी नदियों को बचाना होगा। नदियां बचेगी तो हमारी दुनिया बचेगी।इसलिए स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) गंगा नदी को राष्ट्रीय नदी के रूप में घोषित करने की वर्षगांठ यानी 4 नवंबर को हर साल गंगा उत्सव मनाया जाता है। 

डॉ मेंदोला ने गंगा स्वच्छता एवं गंगा उत्सव पर विस्तृत चर्चा की इस अवसर पर परिसर के छात्र-छात्राओं द्वारा महागंगा आरती, दीपोत्सव,दीपदान, सांस्कृतिक कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक, गंगा स्वच्छता शपथ का आयोजन किया गया दीपोत्सव के अंतर्गत त्रिवेणी घाट में

छात्र-छात्राओं द्वारा हाथों में दीप प्रज्वलित कर गंगा आरती एवं 251 दीपों की श्रृंखला त्रिवेणी घाट में बनाई I

डॉ प्रीति प्रीति खंडूरी ने कहा कि हमें अपने क्षेत्र के गंगा तटों  को साफ सुथरा रखें एवं कूड़ा कचरा पॉलिथीन ना डालें और सिंगल यूज प्लास्टिक प्रयोग नहीं करने को प्रेरित किया I

डॉ विवेक  नैथानी द्वारा गंगा की महानता, धार्मिक एवं आर्थिक महत्वों पर विशेष जोर देते हुए कहा गया कि हमें माँ गंगा एवं समस्त जलस्रोतों का संरक्षण एवं संवर्धन करना हमारा दायित्व है, और इस अभियान को धरातल पर उतारना होगा।

कार्यक्रम का संचालन  डॉ पारुल मिश्रा द्वारा किया गया इस अवसर पर  एवं छात्राएं छात्र छात्राएं, विदेशी सैलानी, यात्री उपस्थित रहेI

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