वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाया गया इंजीनियर दिवस

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वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिक विद्यालय विश्वविद्यालय यूं oटीoयूo के कैम्पस मैं मैं संचालित फैकेल्टी ऑफ़ टेक्नोलॉजी फैकेल्टी ऑफ़ मैनेजमेंट के छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में इंजीनियर दे को आधुनिक भारत के निर्माण करता हुआ देश के पहले इंजीनियर मोक्ष मुंडम विशवेशवरेया के सम्मान में आज अपने ऑर्डर में ऑडिटोरियम में बड़े ही धूमधाम से इंजीनियर दिवस के रूप में मनाया गया कर्नाटक के राज्य के मुद्दनहल्ली नमक गांव में 15 सितंबर 1861 में जन्मे इंजीनियर विशवेशवरैया के सम्मान में पूरे भारतवर्ष में हर साल इस दिन को इंजीनियर दिवस के रूप में मनाया जाता है

इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ओंकार सिंह ने विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को इंजीनियर डी पर संबोधित करते हुए कहा कि यह दिन इंजीनियर को समाज की बेहतरीन के लिए अपना योगदान देने के लिए प्रेरित करता है

साथी उन्होंने कहा कि भारत के सबसे महान इंजीनियर मोक्ष मुंडा
विशवेशवरेया जिन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण अपने योगदान दिया है उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता उनसे हम सभी को प्रेरणा लेते हुए देश के निर्माण में अपनी भागीदारी को सुनिश्चित करना होगा

कुलपति ने कहा कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में दूरदर्शिता व समर्पण भाव से विशवेशवरैया द्वारा किए गए साधन योगदान को बुलाया नहीं जा सकता जिसकी वजह से उन्होंने वर्ष 1955 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया देश में जल संस्थाओं के दोहन बांदा फूलों के सफल डिजाइन और निर्माण व देश के अंदर सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं को लघु के जाने में उनकी प्रतिभा के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली इंजीनियर विशवेशवरैया समय के बहुत ही पवन रहे तथा अपने जीवन में समय को सर्वत्र सर्वोचवा स्थान पैर रखते हुए किसी को भी कार्य को करते थे

इस अवसर पर छात्रों द्वारा डिबेट कंपटीशन पोस्ट कंपटीशन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया डिबेट कंपटीशन के शीर्षक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट थेट ह्यूमैनिटीज रहे एवं शिक्षण संस्थानों में मोबाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक गैजेट को प्रतिबंध कर देना चाहिए और पोस्टर प्रतियोगिता की थीम चंद्रयान था विभिन्न कार्यक्रमों में विजेता अभिनव जलाल आस्था विवेक कुमार राघवेंद्र अखिलेश राज अनुष्का एवं गार्गी रहे

विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपने संबोधन में शिक्षकों एवं छात्रों को कहा कि देश और समाज के निर्माण में ईमानदारी निष्ठा पूर्ण तरीके से अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें

कार्यक्रम का शुभारंभ फैकेल्टी आफ टेक्नोलॉजी के कोऑर्डिनेटर डॉक्टर विशाल रमोला का संबोधन हुआ कार्यक्रम के
समन्वयक श्रीमती अंशिका गर्ग ने सभी प्रतियोगियों को इंजीनियर डे की शुभकामना दी और कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा विजेताओं को सर्टिफिकेट एवं ट्रॉफी प्रदान की गई

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर बी के पटेल शिक्षक डॉ संदीप नेगी डॉक्टर बी एस गंगवाल गणेश खंडोली मोहम्मद साकिब पूजा सेमवाल संगीत ध्यान डॉक्टर अमित कुमार विजय सिंह बिष्ट एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रही

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