नोएडा पुलिस ने एक बार फिर से 34 किसानों को गिरफ्तार कर लिया। इससे आंदोलन की चिंगारी गांव-गांव में फैल गई है। किसान 10 प्रतिशत आबादी भूखंड भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ और हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहे हैं। किसानों ने दो दिसंबर को दिल्ली कूच का प्रयास किया था लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया था।
ग्रेटर नोएडा। किसान आंदोलन में बुधवार देर रात बड़ा मोड़ आ गया। पुलिस ने यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट के नजदीक रात में धरना दे रहे 34 किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। ज्यादातर किसान नेता पुलिस गिरफ्तारी से बचकर भूमिगत हो गए।
पुलिस की देर रात में हुई कार्रवाई से आंदोलन की चिंगारी गांव-गांव में फैल गई है। गांवों में किसानों के छोटे-छोटे समूह बैठक कर आगे की रणनीति का इंतजार कर रहे हैं। नेताओं का संदेश मिलते ही किसान एकत्र होकर आंदोलन को आक्रामक मोड़ देंगे।
दस प्रतिशत आबादी भूखंड, भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ देने व हाई पावर कमेटी की किसानों के हक में दी गई सिफारिशों को लागू करने के लिए 25 नवंबर से किसान संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में दस किसान संगठन महापड़ाव कर रहे हैं। ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण पर महापड़ाव के बाद किसानों ने दो दिसंबर को दिल्ली कूच का प्रयास किया था, लेकिन महामाया फ्लाईओवर के नजदीक पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोक दिया।किसानों की मुख्य सचिव से एक सप्ताह में वार्ता का आश्वासन दिया, इसके बाद किसान दलित प्रेरणा स्थल पर महापड़ाव कर धरने पर बैठ गए, लेकिन मंगलवार को पुलिस ने प्रमुख नेताओं समेत 123 किसानों को गिरफ्तार कर लिया था। इसके विरोध में बुधवार को किसानों ने यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो प्वाइंट पर महापंचायत हुई।
अधिकारियों ने किसानों की मांग पर शाम को करीब चार बजे किसान नेताओं को जेल से रिहा कर दिया। इसके साथ ही हाई पावर कमेटी की सिुफारिश इसी माह लागू कराने और अन्य मांगों को शासन स्तर से निस्तारण करने का आश्वासन दिया। लेकिन किसान जीरो प्वाइंट पर ही रात में धरने पर बैठे रहे। देर रात पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सुखबीर खलीफा और सोरन प्रधान समेत 34 किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।इसके बाद अन्य नेता भूमिगत हो गए। उनकी तलाश में पुलिस चप्पा चप्पा छान रही है। नेताओं ने पुलिस को चकमा देने के लिए अपने मोबाइल फोन भी बंद कर लिए हैं। गांव-गांव किसान पंचायत कर आगे की रणनीति का संदेश मिलने का इंतजार कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक 12 बजे किसान एक बार फिर जीरो प्वाइंट पर एकत्र हो सकते हैं।किसान नेता डॉ. रुपेश वर्मा का कहना है कि पुलिस ने वादा खिलाफी की है। शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों को 4 दिसंबर की रात में गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पुलिस ने दमन उत्पीड़न करते हुए अपने ही वादे से मुकरते हुए सुखबीर खलीफा एवं सोरन प्रधान सहित 15-20 किसानों को जेल भेज दिया है।किसान सभा के जिला महासचिव जगबीर नंबरदार जिला उपाध्यक्ष गवरी मुखिया को अन्य 10 लोगों के साथ रात में ही घर से पकड़ कर जेल भेज दिया है। संयुक्त मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर पुलिस का कहर रात भर जारी रहा। उदल आर्य के घर के गेट को तोड़ते हुए उनकी पत्नी को भी थाने में ले जाकर बिठा दिया। किसान दमन और उत्पीड़न से पीछे हटने वाले नहीं है।शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन नागरिकों का हक है। योगी सरकार ने किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन का दमन करने की कोशिश की है। सरकार पूरी तरह पूंजी पति परस्त एवं किसान विरोधी है। किसानों की जमीन पर नोएडा ग्रेटर नोएडा यमुना सिटी और इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहे हैं। उन्हें उनका हक पिछले 50 सालों से नहीं मिला है । उनके विकसित आबादी प्लाट अभी तक नहीं मिले हैं।प्राधिकरण के अफसर भ्रष्टाचार कर किसान के हिस्से की जमीन को भी खा गए हैं। हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी 10 परसेंट के प्लाट नहीं दिए गए हैं। जिले में 3.50 लाख से अधिक किसान 10% के प्लॉट की मांग से प्रभावित हैं इसके बावजूद सरकार किसानों के दमन और उत्पीड़न पर लगी हुई है। आज किसान हजारों की संख्या में फिर से जीरो प्वाइंट पर इकट्ठा होंगे। शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करेंगे।
उधर, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से एक्स पर कहा गया है कि छह दिसंबर को भारत रत्न बाबा साहेब आंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस है। विभिन्न संगठन बाबा साहेब के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए धरने प्रदर्शन कर सकते हैं।अराजक तत्व माहौल खराब करने का कुत्सित प्रयास कर सकते हैं। यह तिथि काफी संवेदनशील है। दलित प्रेरणा स्थल पर किसानों के महापड़ाव को लेकर सतर्क है पुलिस किसान एक बार फिर दलित प्रेरणा स्थल पर महापड़ाव कर सकते हैं। पुलिस इसे रोकने के लिए पूरी तरह से सतर्कता बरत रही है। संविधान निर्माता के महापरिनिर्वाण दिवस को देखते हुए पुलिस अलर्ट मोड पर है।