उत्तराखंड के कई स्कूल विश्व प्रसिद्ध हैं. देहरादून में स्थित ‘द दून स्कूल’ भी उनमें से एक है यह देश का सबसे महंगा स्कूल है. इसकी स्थापना 1935 में की गई थी. 88 साल बाद भी उसकी प्रसिद्धि उतनी ही है, जितनी शुरुआती सालों में थी.
द दून स्कूल बॉयज प्राइवेट बोर्डिंग स्कूल है. कोलकाता के वकील सतीश रंजन दास ने ब्रिटिश स्कूल की तर्ज पर इसकी स्थापना की थी. द दून स्कूल के पहले हेडमास्टर Arthur E. Foot थे. वह अंग्रेज शिक्षाविद थे. उन्होंने इंग्लैंड के ईटन कॉलेज में 9 सालों तक साइंस की पढ़ाई की थी. इस स्कूल का कैंपस 70 एकड़ में फैला हुआ है. यहां की हरियाली हर किसी को प्रभावित करती है.
द दून स्कूल में 12 से 18 साल तक के लड़कों को एडमिशन दिया जाता है. इस बोर्डिंग स्कूल में छात्राएं नहीं पढ़ती हैं. एडमिशन के लिए कठिन टेस्ट और इंटरव्यू देना पड़ता है. यहां सिर्फ 2 क्लासेस में एडमिशन मिलता है, क्लास 7 और क्लास 8. कक्षा 7वीं के लिए जनवरी में एडमिशन होता है और 8वीं के लिए अप्रैल में. इस पूरे स्कूल में सिर्फ 500 स्टूडेंट्स पढ़ते हैं. सभी छात्र और शिक्षक एक ही कैंपस में रहते हैं.
देश की कई नामी हस्तियों ने द दून स्कूल से पढ़ाई की है. द दून स्कूल, देहरादून के एल्युमनाई में राजीव गांधी,राहुल गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पटनायक, जितिन प्रसाद, मणिशंकर अय्यर, अमिताव घोष, विक्रम सेठ, तरुण ताहिल्यानी, संदीप खोसला, अली फजल, चंद्रचूड़ सिंह और अभिनव बिंद्रा जैसे नाम शामिल हैं.