उत्तराखंड हाई कोर्ट ने देहरादून के डोईवाला क्षेत्र में सुसुवा और सौंग नदियों में भारी मशीनों से खनन पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि भारी मशीनों से खनन से नदियों का जल स्तर नीचे चला गया है और कृषि योग्य भूमि भी प्रभावित हो रही है।हाई कोर्ट ने मैनुअली खनन के निर्देश देते हुए सरकार से मांगा जवाब
राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश
देहरादून के डोईवाला क्षेत्र की सुसुवा व सौंग नदी में भारी मशीनों से खनन की अनुमति देने के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने मशीनों के प्रयोग पर रोक लगाते हुए मैनुअल खनन करने को कहा है।साथ ही राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि बारिश में नदी में भारी मात्रा में सिल्ट, गाद, बोल्डर आदि आ जाते है। जिससे नदियों का रास्ता अवरुद्ध हो जाता है। इसको हटाने के लिए मानवशक्ति की जगह मशीनों की जरूरत पड़ती है। इसलिए सरकार ने जनहित को देखते हुए मशीनों का उपयोग करने की अनुमति दी।
देहरादून निवासी वीरेंदर कुमार ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार ने सुसुवा व सौंग में भारी मशीनों से खनन करने पर नदियों का जल स्तर नीचे चला गया है। कृषि योग्य भूमि भी प्रभावित हो रही है। सिंचाई के लिए पानी तक नहीं मिल पा रहा है।