प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड के 25वें स्थापना दिवस पर किए गए नौ आग्रहों को राज्य सरकार ने विकास का मूलमंत्र मानते हुए क्रियान्वित करने का निर्णय लिया है। पर्यटन शिक्षा समेत छह प्रमुख विभागों को इन आग्रहों के अनुपालन की ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रधानमंत्री ने गढ़वाली कुमाऊंनी जौनसारी जैसी स्थानीय बोलियों के संरक्षण पर बल दिया। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने शासन के समस्त वरिष्ठ अधिकारियों एवं जिलाधिकारियों को जारी किए निर्देश
गढ़वाली, कुमाऊंनी समेत स्थानीय बोलियों के संरक्षण की कार्ययोजना बनाएंगे उच्च शिक्षा व विद्यालयी शिक्षा
25वें राज्य स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री ने राज्यवासियों से पांच और बाहर से आने वाले पर्यटकों से किए थे चार आग्रह
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज्य के 25वें स्थापना दिवस पर किए गए नौ आग्रह को उत्तराखंड के विकास का मूलमंत्र मानकर धामी सरकार प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करेगी। पर्यटन, शिक्षा समेत छह प्रमुख विभागों समेत संबंधित विभाग इन आग्रहों के अनुपालन की ठोस कार्ययोजना तैयार कर सरकार को सौंपेंगे। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में गुरुवार को अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिवों, सचिवों, प्रभारी सचिवों एवं जिलाधिकारियों को गुरुवार को निर्देश जारी किए।
देवभूमि उत्तराखंड से प्रधानमंत्री मोदी का गहरा लगाव है। गत नौ नवंबर को राज्य के स्थापना दिवस पर राज्य के प्रति उनका लगाव फिर अभिव्यक्त हुआ। उन्होंने राज्य के निवासियों के साथ ही बाहर से आने वाले पर्यटकों से नौ बिंदुओं पर अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी जैसी स्थानीय बोलियों के संरक्षण पर बल दिया। मुख्य सचिव ने उच्च शिक्षा एवं विद्यालयी शिक्षा को इस संबंध में कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं।
इसी प्रकार पर्यावरण संरक्षण को लेकर आग्रह को केंद्र में रखकर वन एवं पर्यावरण विभाग कार्ययोजना तैयार करेगा। ‘एक पेड़ मां के नाम’ को आंदोलन की भांति आगे बढ़ाने का मंत्र देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस दिशा में जितना तेजी से काम होगा, उतना ही हम जलवायु परिवर्तन की चुनौती से लड़ पाएंगे।