त्रेता युग में कैसे हुआ था भगवान श्री राम और माता जानकी का विवाह, देखना है तो उज्जैन चले आइए… मौजूद हैं प्रमाण

News Desk
2 Min Read

मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित श्री रामजनार्दन मंदिर में शुक्रवार को शाम पांच बजे गोधूलि बेला में वैदिक रीति से श्रीराम-जानकी का विवाह कराया जाएगा। सुबह भगवान का अभिषेक-पूजन तथा विशेष शृंगार हुआ। विवाह की विभिन्न रस्में संपन्न हो रही हैं। मंदिर में आकर्षक दीपमालिका सजेगी। आतिशबाजी की जाएगी। महाप्रसादी का वितरण होगा।

  1. उज्जैन के रामजनार्दन मंदिर में मौजूद हैं मालव मराठा शैली के चित्र
  2. 300 साल पुराने भित्ति चित्र बताते हैं कैसे हुआ था राम-जानकी विवाह
  3. 17वीं शताब्दी में किया गया था श्री रामजनार्दन मंदिर का पुनर्निर्माण

उज्जैन (Vivah Panchami 2024)। त्रेतायुग में भगवान श्री राम और माता जानकी का विवाह कैसे हुआ था, अगर यह देखना है तो उज्जैन के श्री राम जनार्दन मंदिर में चले आइए। इस मंदिर के गर्भगृह में 300 साल पुराने भित्ति चित्रों की समृद्ध शृंखला राम-सीता विवाह का सजीव चित्रण प्रस्तुत करती है।

जानकारों का मानना है कि मालव मराठा शैली में निर्मित ये चित्र 17वीं शताब्दी में मंदिर के पुनर्निर्माण के समय बनाए गए थे। काल के अंतराल में मौसम के प्रभाव व मंदिर में होने वाली नित्य नियम की पूजा आरती में उपयोग होने वाली धूप, दीये के धुएं से पुरातन कला को थोड़ा नुकसान अवश्य हुआ है।

Share This Article
Leave a comment