सीएम धामी के एक फैसले से सरकारी कर्मचारियों की बल्‍ले-बल्‍ले, प्रमोशन को लेकर पूरी हुई ये मांग

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Uttarakhand News उत्तराखंड सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पदोन्नति प्रक्रिया को सरल बनाते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब कर्मचारियों को पदोन्नति के लिए हर छह महीने में शासनादेश जारी होने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उत्तराखंड सरकारी सेवक पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण नियमावली 2025 में कर्मचारियों को पूरे सेवाकाल में एक बार पदोन्नति के लिए आवश्यक सेवा अवधि में 50 प्रतिशत तक छूट मिलेगी।

  1. उत्तराखंड सरकारी सेवक पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण नियमावली, 2025 की अधिसूचना जारी
  2. हर छह माह में शासनादेश जारी होने की नहीं करनी होगी प्रतीक्षा, पूरे सेवाकाल में एक बार मिलेगी पदोन्नति में छूट

देहरादून । Uttarakhand News :  पुष्कर सिंह धामी सरकार ने प्रदेश के सरकारी, अर्द्ध सरकारी, सार्वजनिक उपक्रमों, निकायों एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं में कार्यरत कार्मिकों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी कर दी। उन्हें पदोन्नति में शिथिलीकरण का लाभ पाने के लिए हर छह महीने में शासनादेश जारी होने की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। यह लाभ उन्हें नियमित रूप से मिल सकेगा।सरकार ने उत्तराखंड सरकारी सेवक पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण नियमावली, 2025 की अधिसूचना जारी कर दी। अपर मुख्य सचिव कार्मिक आनंद बर्द्धन की ओर से जारी नियमावली के अनुसार अब पूरे सेवाकाल में कार्मिक को एक बार पदोन्नति के लिए आवश्यक सेवा अवधि में 50 प्रतिशत तक छूट मिलेगी।

विभागीय सेवा नियमावलियों की अलग-अलग व्यवस्था समाप्त

यही नहीं, कार्मिक की इस नियमावली के लागू होने के बाद पदोन्नति में शिथिलता को लेकर अब विभागीय सेवा नियमावलियों की अलग-अलग व्यवस्था समाप्त हो गई है। सभी विभागों के लिए इस नियमावली के प्रविधान लागू होंगे। इससे पहले वर्ष 2010 में जारी उत्तराखंड सरकारी सेवक पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण नियमावली (समय-समय पर यथासंशोधित) अब निरस्त समझी जाएगी।

मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी।

वरिष्ठ कार्मिकों की पदोन्नति नहीं होगी बाधित अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया है कि पदोन्नति में निर्धारित सेवा अवधि में छूट का लाभ पहले ले चुके कार्मिक दोबारा इसके पात्र नहीं होंगे। इस संबंध में विभागों की सेवा नियमावलियों में प्रविधान हाेगा, तो वह लागू नहीं माना जाएगा।

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