परिवहन विभाग ने चारधाम यात्रा के मार्गों पर वाहनों के संचालन का समय सुबह 4 बजे से रात 10 बजे तक निर्धारित किया है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई नियम लागू किए गए हैं जिनमें चालकों के लिए जूते पहनना वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाना और गति सीमा का पालन करना शामिल है। बसों की लंबाई-चौड़ाई के मानक भी तय किए गए हैं। नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई होगी।

परिवहन विभाग ने निर्धारित किया यात्रा मार्गों पर वाहनों के संचालन का समय
देहरादून। चारधाम यात्रा के दौरान परिवहन विभाग ने वाहनों के संचालन का समय निर्धारित कर दिया है। नोडल अधिकारी/आरटीओ (प्रशासन) संदीप सैनी ने बताया कि यात्रा मार्गों पर वाहनों का संचालन सुबह चार बजे से रात 10 बजे तक होगा। उन्होंने बस ऑपरेटरों व टैक्सी संचालकों को हिदायत दी है कि अगर कोई यात्री रात में जबरन वाहन संचालन का दबाव बनाए तो इसकी सूचना संबंधित पुलिस थाने या चौकी या परिवहन विभाग के चेकपोस्ट पर दी जाए।संदीप सैनी ने बताया कि चालक जूते पहनकर ही वाहन का संचालन करेंगे और ऐसा न करने पर वाहन का चालान किया जाएगा। इसके अलावा वाहन के सामने व पीछे त्रिकोणीय रिफ्लेक्टर लगाना अनिवार्य रहेगा, ताकि मार्गों पर कम रोशनी में दुर्घटना के खतरे को कम किया जा सके।आरटीओ ने बताया कि बसों की लंबाई व चौड़ाई के मानक भी निर्धारित कर दिए गए हैं। बसों में व्हीलबेस के हिसाब से कुछ छूट भी दी गई है। जो बसें 4500, 4450 व 4400 व्हीलबेस की हैं, उनमें अधिकतम लंबाई में 20 मिलीमीटर तक की छूट रहेगी। इसके अलावा बस की अधिकतम ऊंचाई चार मीटर से अधिक नहीं होगी। चौड़ाई अधिकतम 2570 मिमी होगी, लेकिन इसमें 15 मिमी अधिक होने तक छूट रहेगी। आरटीओ ने बताया कि इन मानकों की जांच के बाद ही बसों को ग्रीन-कार्ड जारी किए जाएंगे
क्या करें, क्या न करें के निर्देश जारी
चारधाम यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए परिवहन विभाग की ओर से क्या करें और क्या ना करें (डू एंड डोंट्स) की सूची जारी की गई है। जिसके तहत 4500 मिलीमीटर से अधिक व्हील बेस और 2570 मिलीमीटर से अधिक चौड़ाई वाले वाहनों को यात्रा पर नहीं जाने दिया जाएगा। वाहन संचालकों को इन नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।चारधाम यात्रा पर जाने वाले वाहनों के चालक क्या करेंबसों व टैक्सी का ग्रीन-कार्ड व ट्रिप-कार्ड लेने के बाद ही यात्रा पर जाएं।4225 मिलीमीटर से अधिक व्हील बेस, 250 सेंटीमीटर से अधिक चौड़ाई वाले वाहनों को न ले जाएं।सिर्फ दक्ष और अनुभवी चालक ही गाड़ियों का संचालन करें।गाड़ियों में फर्स्ट एड बाक्स, अग्निशमन उपकरण, लकड़ी का गुटका, रस्सी अनिवार्य रखें।यात्रा शुरू करने से पहले गाड़ियों का ब्रेक, गियर, टायर, स्टीयरिंग की भलीभांति जांच करें।पर्वतीय मार्ग पर मोड़ों पर हार्न बजाएं व वाहन को सुरक्षित स्थान पर ही पार्क कर हैंडब्रेक अवश्य लगाएं।मौसम खराब होने, भूस्खलन होने की स्थिति में जिला प्रशासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार वाहन चलाएं।यात्रा शुरू करते समय और वापसी में यात्रा चेकपोस्ट पर तमाम जानकारियां उपलब्ध कराएं।गाड़ियों में कूड़ेदान रखें और चालक लगातार वाहन संचालन न करें।यात्रा के दौरान क्या ना करेंतेज गति से गाड़ी न चलाएं। गाड़ियों में ज्वलनशील पदार्थ पेट्रोल, डीजल, गैस सिलिंडर न रखें।नशे की हालत में गाड़ी न चलाएं व गाड़ी चलाते समय धूमपान न करें।गाड़ी चलाते हुए टेप रिकॉर्डर, सीडी प्लेयर, रेडियो व मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें।चालक कक्ष में अनावश्यक सामान, पानी की बोतल आदि ना रखे।गाड़ी में घिसे हुए टायरों का प्रयोग न करें और पर्वतीय मार्गों पर ओवरटेक न करें।यात्रा निर्धारित समय अवधि में ही पूरी करें, जल्दबाजी न करें।