उत्तराखंड में नियमितीकरण की नीति जल्द-बेटियों की शादी के लिए 50 हजार, CM धामी ने और क्या की घोषणा?

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प्रदेश सरकार के तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर मुख्यमंत्री ने उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण की घोषणा की थी। इस पर उपनल कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री और सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के सम्मान में

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उपनल के माध्यम से विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। जल्द इसकी नियमावली जारी कर दी जाएगी। शनिवार को कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास के मुख्य सेवक सदन में उपनल कर्मचारी महासंघ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री ने यह आश्वासन दिया। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उपनल कर्मचारियों की बेटी के विवाह में सहयोग के रूप में 50 हजार रुपये दिए जाएंगे।

प्रदेश सरकार के तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर मुख्यमंत्री ने उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण की घोषणा की थी। इस पर उपनल कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री और सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के सम्मान में समारोह का आयोजन किया था। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि धरना-प्रदर्शन के दौरान उपनल कर्मियों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने के लिए उनकी भी समीक्षा की जाएगी।

धामी जी राम हमारे, उपनल कर्मी सेवक तुम्हारे’ : उपनल कर्मचारियों ने बेहद गर्मजोशी के साथ मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। उन्होंने नारे लगाए कि ‘मुख्यमंत्री धामी राम हमारे, उपनल कर्मचारी सेवक तुम्हारे’। महिला कर्मचारियों ने भाई के रूप में मुख्यमंत्री का तिलक करते हुए उन पर फूल बरसाए।कर्मचारियों के पक्ष में हरसंभव फैसला लेंगे: सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सरकार ने उपनल कर्मचारियों के पक्ष में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। पहले उपनल कर्मचारियों की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को 15 हजार की राशि दी जाती थी जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार किया गया है। सरकार उपनल कर्मचारियों के पक्ष में हरसंभव फैसला लेगी। इस मौके पर महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद गोदियाल, महामंत्री विनय प्रसाद, कार्यकारी अध्यक्ष महेश भट्ट आदि मौजूद रहे।उपनल अब विदेश में भी नौकरी का मौका देगाउपनल के जरिए जल्द ही विदेशों में भी नौकरी का मौका मिलेगा। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि उपनल का आस्ट्रेलिया, जापान, जर्मनी और दुबई की कंपनियों से एमओयू हो रहा है। विदेश में नियुक्ति के लिए एक मानक भी बनाया गया है। उपलब्ध पदों में 50 प्रतिशत पूर्व सैनिक और उनके आश्रितों के लिए होंगे। बाकी 50 प्रतिशत पदों पर अन्य लोगों को मौका मिलेगा। बता दें कि वर्तमान में उपनल के जरिए करीब 22 हजार लोग नौकरी कर रहे हैं।

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