
Uttarakhand Crime देहरादून में एक युवती ने रविंदर सिंह रावत पर जाली दस्तावेज देकर शादी करने का आरोप लगाया है। शिकायत के अनुसार रविंदर ने खुद को अविवाहित बताकर और EPFO में अधिकारी बताकर धोखा दिया। उसने पहले शादी की बात छुपाई और नकली माता-पिता से बात करवाई। पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।
- युवक पर जाली दस्तावेज से शादी का आरोप
- खुद को EPFO अधिकारी बताकर धोखा
- पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया
देहरादून। धर्मपुर निवासी एक युवती ने पटेलनगर कोतवाली में शिकायत दर्ज कर एक युवक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि युवक ने खुद को केंद्रीय विभाग में अधिकारी बताकर न केवल धोखे से उससे विवाह किया, बल्कि अपनी पूर्व वैवाहिक स्थिति और असली पहचान भी छिपाई। अब पुलिस ने मामले में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पटलेनगर कोतवाली में नीलम नाम की युवती ने शिकायत दी। जिसमें बताया कि रविंदर सिंह रावत निवासी संस्कृति लोक कालोनी ने उन्हें और उनके परिवार को यह कहकर भ्रमित किया कि वह अविवाहित है और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में असिस्टेंट प्रोविडेंट फंड कमिश्नर के पद पर कार्यरत है। उसने यह भी दावा किया कि वह पूर्व में उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल में भी तैनात रह चुका है।
शिकायतकर्ता के अनुसार, रविंदर ने नकली दस्तावेज दिखाकर उनकी और उनके परिवार की भावनाओं से खेला। यहां तक कि विवाह से पहले उनके परिवार को झूठे माता-पिता से बात करवाई, ताकि किसी को संदेह न हो। बीते पांच मई 2025 को शादी की तारीख तय हुई थी, लेकिन एक दिन पहले रविंदर ने खुद को युद्ध स्थिति के कारण ड्यूटी पर बुलाए जाने का फर्जी पत्र भेजकर शादी टाल दी।
बाद में कोर्ट मैरिज की तारीखें भी बदली जाती रहीं। अंत में बीते 12 मई को शिव मंदिर रेसकोर्स देहरादून में उनकी शादी हो गई। शादी के दिन भी रविंदर के परिजन और बताए गए मेहमान शामिल नहीं हुए। शादी के बाद पता चला कि रविंदर पहले से शादीशुदा है और उसकी पत्नी का नाम नेहा नेगी है, जिसे वह अपनी मामा की बेटी बता रहा था। इस धोखाधड़ी में रविंदर का दोस्त पवन नेगी भी शामिल था।
प्रभारी निरीक्षक चंद्रभान सिंह ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और शिकायत से जुड़े दस्तावेजों का परीक्षण किया जा रहा है।



