उत्तराखंड के रिसेप्शनिस्ट हत्याकांड की जांच में कई रहस्य सामने आए हैं। इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के अनुसार रिसेप्शनिस्ट को कुनाऊ पुलिया से चीला नहर में धक्का दिया गया था जहाँ 24 सितंबर को उसका शव मिला। वनन्तरा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की हत्या 18 सितंबर को हुई थी। आरोप है कि रिसॉर्ट मालिक अंकिता पर वीआइपी मेहमानों को विशेष सेवा देने का दबाव बना रहा था जिसकी जांच जारी है।

- कड़ी दर कड़ी उठता रहा रहस्यों से पर्दा
- 24 सितंबर को चीला बैराज में मिला था रिसेप्शनिस्ट का शव
देहरादून। उत्तराखंड में रिसेप्शनिस्ट हत्याकांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी। कड़ी दर कड़ी रहस्यों से पर्दा उठता रहा। तब इस प्रकरण की जांच कर रही एसआइटी की प्रभारी डीआइजी पी. रेणुका देवी ने कई खुलासे किए।
उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों की जांच में यह बात सामने आई है कि रिसेप्शनिस्ट को कुनाऊ पुलिया से चीला नहर में धक्का दिया गया था। रिसेप्शनिस्ट का शव चीला बैराज में 24 सितंबर को मिला था।
पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर (यमकेश्वर) गांव स्थित वनन्तरा रिसॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट रिसेप्शनिस्ट की हत्या 18 सितंबर को चीला नहर में जिंदा फेंककर की गई थी।
रिमांड के दौरान तीनों आरोपितों से अलग-अलग पूछताछ करने के साथ ही क्राइम सीन दोहराया गया था।
आरोपितों को रिसॉर्ट से चीला नहर में उस स्थान तक ले जाया गया, जहां उन्होंने अंकिता को नहर में धक्का देना स्वीकार किया था।
1000 से अधिक मोबाइल नंबरों की जांच
हत्याकांड में उन वीआइपी मेहमानों की तलाश तेज हो गई, जिन्हें रिसॉर्ट मालिक आरोपित पुलकित अतिरिक्त सेवा देने का दबाव अंकिता पर बना रहा था। सर्विलांस टीमों को 1000 से अधिक नंबरों की लंबी सूची मिली। यह वह नंबर थे जो 17 व 18 सितंबर को वनन्तरा रिसॉर्ट के आसपास इस्तेमाल हुए और इसी दिन वीआइपी सर्विस देने की बात की जा रही थी।
दूसरी ओर घटना वाले दिन रिसॉर्ट और घटनास्थल चीला नहर के आसपास कितने मोबाइल नंबर एक्टिव थे, इसका डाटा एकत्र कर सर्विलांस टीम के एक्सपर्ट ने संबंधित मोबाइल कंपनियों को भेजा। इस दौरान कितने मोबाइल नंबर आवाजाही में चंद समय के लिए एक्टिव थे, इसकी अलग से सूची तैयार की गई।


