कैंची धाम स्थापना दिवस : स्थापना से पहले ही वन मंत्री को मिला प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद

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नैनीताल। देवभूमि उत्तराखंड के नैनीताल जनपद स्थित बाबा नीब करौरी महाराज जी के आध्यात्मिक केंद्र कैंची धाम से अपनी स्थापना से भी पहले ऐसे आशीर्वाद मिलते रहे हैं, जो न केवल सच साबित हुए हैं, वरन देश व दुनिया के लिये भी इतिहास बदलने वाले साबित हुए हैं। कैंची धाम से एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग व गूगल से जुड़े मानवतावादी लैरी ब्रिलिएंट सहित गूगल के प्रमुख लैरी पेज और ईबे के सह संस्थापक जेफ स्कॉल जैसी हस्तियों की कहानी तो बहुप्रचारित है, जिनके माध्यम से दुनिया में प्रौद्योगिकी क्रांति-सिलीकॉन वैली बनने का रास्ता साफ हुआ, वहीं कम लोग जानते हैं कैंची धाम से मिले आशीर्वाद से देश के एक राजनेता भारत के प्रधानमंत्री भी बने थे।बाबा नीब करौरी के द्वारा कैंची धाम की स्थापना की कहानी का आरंभ 1935-38 में बाबा के नैनीताल आगमन से होता है। 1942 में बाबा की भेंट कैंची से लगभग 20 किमी पहले भूमियाधार में कैंची निवासी एक गरीब ग्रामीण पूर्णानंद तिवारी से हुई।उस समय पूर्णानंद के दो मुकदमे चल रहे थे। एक घर का जो बाबा के आशीर्वाद से अगले दिन ही नतीजे में सफल हुआ और दूसरा पंचक्की का जो लगभग 20 वर्ष बाद, बाबा की भविष्यवाणी को पूरी तरह सच करते हुए अप्रैल 1962 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में उनके पक्ष में हुआ।इसके एक माह बाद ही बाबा मई 1962 में 20 वर्ष बाद मिलने आने के अपने वादे के अनुरूप कैंची गांव में शिप्रा नदी के किनारे पहुँचे और मंदिर निर्माण हेतु स्थान पूछा, जिसे बताने पर वन विभाग की भूमि होने के कारण वनाधिकारी सोनी तथा उत्तर प्रदेश के तत्कालीन वन मंत्री चौधरी चरण सिंह को साथ लाकर 1962 में मंदिर निर्माण की अनुमति ली।मंदिर के लिये भूमि की अनुमति देने पर बाबा ने चौधरी चरण सिंह को प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया और ज्ञानपूर्वक मार्गदर्शन किया। बाद में चरण सिंह 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक देश के प्रधानमंत्री बने।इस प्रकार कैंची धाम का विकास साधु संत व राजनीतिक इच्छाशक्ति के समन्वय से हुआ, जिससे आज यह न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय रूप से प्रसिद्ध स्थल बन गया है। चौधरी चरण सिंह के प्रधानमंत्री बनने को बाबा नीब करौरी का आशीर्वाद माना जाता है।बराक ओबामा की जीत में भी बाबा का आशीर्वादउल्लेखनीय है कि अमेरिका के पिछले राष्ट्रपति चुनाव में तत्कालीन प्रत्याशी, जेब में हनुमान जी की प्रतिमा रखने वाले बराक ओबामा की जीत के लिये भी कैंची धाम में विशेष धार्मिक आयोजन हुआ था, और कहा जाता है कि ओबामा को भी कैंची धाम से राष्ट्रपति बनने का आशीर्वाद मिला था।

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