BEd , DElEd : यूपी, बिहार, राजस्थान समेत देश के 2962 बीएड व डीएलएड कॉलेजों की मान्यता रद्द, लिस्ट

News Desk
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एनसीटीई ने जिन 2962 टीचर ट्रेनिंग संस्थानों की मान्यता छीनी है, वे आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए नए छात्रों को दाखिला नहीं दे पाएंगे। हालांकि 2024-2025 सत्र तक दाखिला पाने वाले छात्रों को अपना कोर्स पूरा करने की अनुमति दी जाएगी।

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने देशभर के 2962 अध्यापक शिक्षा संस्थानों (टीईआई) की मान्यता रद्द कर दी है। इन संस्थानों ने मार्च और अप्रैल माह में कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के बावजूद 2021-22 और 2022-23 के लिए अपनी परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (पीएआर) ऑनलाइन जमा नहीं की। ये संस्थान आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए नए छात्रों को दाखिला नहीं दे पाएंगे। हालांकि, शैक्षणिक सत्र 2024-2025 तक दाखिला पाने वाले छात्रों को अपना कोर्स पूरा करने की अनुमति दी जाएगी।

टीचर एजुकेशन सिस्टम की निगरानी करने वाली संस्था एनसीटीई ने सितंबर 2019 में पीएआर जमा करना अनिवार्य कर दिया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मान्यता प्राप्त संस्थान एनसीटीई के मानदंडों, मानकों और दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हैं। पीएआर जमा करने की प्रक्रिया में टीचर ट्रेनिंग कॉलेजों को परिषद में विभिन्न दस्तावेज जमा कराने होते हैं, जिसमें योग्यता रिकॉर्ड के साथ संकाय विवरण, संस्थानों के वित्तीय विवरण और जियो-टैग की गई तस्वीरें और दस्तावेज शामिल हैं। एनसीटीई बीते कई महीनों से कॉलेजों से लगातार पीएआर अपलोड करने के निर्देश दे रही थी।

एनसीटीई ने दो बार अंतिम तिथि बढ़ाने के बाद पीएआर जमा करने की लास्ट डेडलाइन 30 दिसंबर, 2024 तय की थी। फरवरी 2025 में आयोग ने नियमों का पालन न करने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करने के लिए एनसीटीई की उत्तरी क्षेत्रीय समिति के हरीश चंद्र सिंह राठौर की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया। मार्च और अप्रैल 2025 में एनसीटीई ने 2021-22 और 2022-23 के लिए पीएआर जमा करने में विफल रहने वाले संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी किए। इसके बाद अप्रैल और मई 2025 में एनसीटीई ने नोटिस का जवाब न देने के कारण डिफॉल्टर संस्थानों की मान्यता रद्द करने की अधिसूचना जारी की।भारत के टीईआई को चार रीजन में बांटा गया है। एनसीटीई की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार उत्तरी क्षेत्र में सबसे अधिक 1,225 (कुल 2,962 में से 41.36%) मान्यता रद्द किए गए टीईआई हैं, उसके बाद दक्षिणी क्षेत्र में 960 (32.41%), पश्चिमी क्षेत्र में 748 (25.25%) और पूर्वी क्षेत्र में सबसे कम 29 (0.98%) हैं।

यूपी, बिहार, राजस्थान समेत देश के 2962 बीएड व डीएलएड कॉलेजों की मान्यता रद्द, लिस्ट राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने देशभर के 2962 अध्यापक शिक्षा संस्थानों (टीईआई) की मान्यता रद्द कर दी है। इन संस्थानों ने मार्च और अप्रैल माह में कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के बावजूद 2021-22 और 2022-23 के लिए अपनी परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (पीएआर) ऑनलाइन जमा नहीं की। ये संस्थान आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए नए छात्रों को दाखिला नहीं दे पाएंगे। हालांकि, शैक्षणिक सत्र 2024-2025 तक दाखिला पाने वाले छात्रों को अपना कोर्स पूरा करने की अनुमति दी जाएगी।टीचर एजुकेशन सिस्टम की निगरानी करने वाली संस्था एनसीटीई ने सितंबर 2019 में पीएआर जमा करना अनिवार्य कर दिया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मान्यता प्राप्त संस्थान एनसीटीई के मानदंडों, मानकों और दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हैं। पीएआर जमा करने की प्रक्रिया में टीचर ट्रेनिंग कॉलेजों को परिषद में विभिन्न दस्तावेज जमा कराने होते हैं, जिसमें योग्यता रिकॉर्ड के साथ संकाय विवरण, संस्थानों के वित्तीय विवरण और जियो-टैग की गई तस्वीरें और दस्तावेज शामिल हैं। एनसीटीई बीते कई महीनों से कॉलेजों से लगातार पीएआर अपलोड करने के निर्देश दे रही थी।एनसीटीई ने दो बार अंतिम तिथि बढ़ाने के बाद पीएआर जमा करने की लास्ट डेडलाइन 30 दिसंबर, 2024 तय की थी। फरवरी 2025 में आयोग ने नियमों का पालन न करने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करने के लिए एनसीटीई की उत्तरी क्षेत्रीय समिति के हरीश चंद्र सिंह राठौर की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया। मार्च और अप्रैल 2025 में एनसीटीई ने 2021-22 और 2022-23 के लिए पीएआर जमा करने में विफल रहने वाले संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी किए। इसके बाद अप्रैल और मई 2025 में एनसीटीई ने नोटिस का जवाब न देने के कारण डिफॉल्टर संस्थानों की मान्यता रद्द करने की अधिसूचना जारी की।भारत के टीईआई को चार रीजन में बांटा गया है। एनसीटीई की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार उत्तरी क्षेत्र में सबसे अधिक 1,225 (कुल 2,962 में से 41.36%) मान्यता रद्द किए गए टीईआई हैं, उसके बाद दक्षिणी क्षेत्र में 960 (32.41%), पश्चिमी क्षेत्र में 748 (25.25%) और पूर्वी क्षेत्र में सबसे कम 29 (0.98%) हैं।ये भी पढ़ें:इस साल बंद नहीं होगा 4 साल का बीएड कोर्स, NCTE ने दी राहतउत्तरी क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का नाम लिस्ट में सबसे ऊपर है, जहां 1,059 मान्यता रद्द किए गए टीईआई हैं, जो क्षेत्र के कुल 86% और राष्ट्रीय स्तर पर 37% से अधिक हैं। दक्षिणी क्षेत्र में, तमिलनाडु (361) और कर्नाटक (224) मान्यता रद्द किए जाने के मामले में सबसे आगे हैं। महाराष्ट्र, 571 मान्यता रद्द किए गए टीईआई के साथ, गुजरात और राजस्थान (63-63) जैसे पश्चिमी क्षेत्र के अन्य राज्यों से आगे है। पश्चिम बंगाल 18 अमान्य टीईआई के साथ पूर्वी क्षेत्र में सबसे आगे है।उत्तर प्रदेश के 1059 कॉलेजों पर कार्रवाईउत्तर प्रदेश के 1059 कॉलेजों पर कार्रवाई हुई है। सूची के अनुसार यूपी से डीएलएड के 380, बीएड के 178, बीपीएड के 22, एमएड के 22 कॉलेज शामिल हैं। उक्त कार्रवाई के दायरे में 16 पाठ्यक्रमों के कॉलेज हैं। यूपी में सबसे ज्यादा डीएलएड के 380 और बीएड के 178 कॉलेजों की मान्यता खत्म की गई है। यूपी में बीएड की इस महीने काउंसिलिंग प्रस्तावित है और संबंधित विवि कॉलेजों के नाम भेज चुके हैं। ऐसे में मान्यता खत्म होने का मामला अदालत में जाने के आसार हैं। उक्त फैसले में चौ.चरण सिंह विवि के छह जिलों के 50 से अधिक कॉलेज भी आए हैं।

कहां और कैसे देखें अपने राज्य की लिस्टस्टेप –

1 – सबसे पहले ncte.gov.in पर जाएं।स्टेप -2 – इंस्टीट्यूशन सेक्शन में डी रिकॉगनाइज्ड के लिंक पर क्लिक करें।स्टेप -3 – अब अपने राज्य के रीजन पर क्लिक करें। जैसे यूपी, दिल्ली, हिमाचल, चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड वाले नॉर्दर्न रीजन पर क्लिक करें। राजस्थान, एमपी, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा वाले वेस्टर्न रीजन पर क्लिक करें। बिहार, झारखंड व बेस्ट बंगाल वाले ईस्टर्न रीजन पर क्लिक करें। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु व तेलंगाना वाले साउदर्न रीजन पर क्लिक करें।स्टेप -5 – अब आपके सामने आपके राज्य चुनने का ऑप्शन आ जाएगा। अपने राज्य के नाम पर क्लिक करें।स्टेप -6 – अब आप देख सकते हैं कि किस कॉलेज के कौन से कोर्स की मान्यता छिनी गई है। वह संस्थान उस कोर्स में दाखिला नहीं दे सकता।

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