भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे
जैसलमेर में सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़े जासूसी नेटवर्क का खुलासा करते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान महेंद्र प्रसाद के रूप में हुई है जो उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद का निवासी है।
और वर्तमान में जैसलमेर स्थित पोखरण फायरिंग रेंज के पास डीआरडीओ के विश्राम गृह में प्रभारी पद पर कार्यरत था।
पाकिस्तान को भेज रहा था संवेदनशील जानकारियां
सूत्रों के मुताबिक महेंद्र प्रसाद पर आरोप है कि वह पैसे के लालच में पाकिस्तान को संवेदनशील रक्षा जानकारी मोबाइल के जरिए भेज रहा था।
उसके फोन की निगरानी के दौरान सामने आया कि वह पाकिस्तान से सीधे संपर्क में था और वहां से उसे रकम भी प्राप्त हो रही थी।
कैसे हुआ खुलासा
सुरक्षा एजेंसियों को लंबे वक्त से डीआरडीओ कर्मचारी की गतिविधियों पर शक था। हाल ही में वह मोबाइल के माध्यम से पाकिस्तान में कई संवेदनशील सूचनाएं साझा कर चुका था। इसी बीच उसकी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलने पर सुरक्षा एजेंसियों ने उसे सोमवार रात हिरासत में लिया और पूछताछ के बाद मंगलवार को संयुक्त जांच समिति के हवाले कर दिया।
डीआरडीओ विश्राम गृह में तैनात था आरोपी
महेंद्र वर्ष 2018 से डीआरडीओ विश्राम गृह, पोकरण में प्रभारी पद पर कार्यरत था जहां वह वैज्ञानिकों और अधिकारियों के आवास,
प्रशिक्षण, परीक्षण और अभ्यास आदि गतिविधियों का जिम्मा संभालता था। इस पद पर रहते हुए उसे उच्चस्तरीय सूचनाएं भी प्राप्त होती थीं जिनका कथित दुरुपयोग उसने किया।
आगे की कार्रवाई है जारी
जैसलमेर जिला पुलिस अधीक्षक शिवराज मीणा ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि संयुक्त जांच समिति आरोपी से पूछताछ कर रही है और उसके पाकिस्तान संपर्क की पुष्टि हो चुकी है।
भारत-पाकिस्तान सीमा से सटेजैसलमेर में सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़े जासूसी नेटवर्क का खुलासा करते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान महेंद्र प्रसाद के रूप में हुई है जो उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद का निवासी है।और वर्तमान में जैसलमेर स्थित पोखरण फायरिंग रेंज के पास डीआरडीओ के विश्राम गृह में प्रभारी पद पर कार्यरत था। पाकिस्तान को भेज रहा था संवेदनशील जानकारियांसूत्रों के मुताबिक महेंद्र प्रसाद पर आरोप है कि वह पैसे के लालच में पाकिस्तान को संवेदनशील रक्षा जानकारी मोबाइल के जरिए भेज रहा था।उसके फोन की निगरानी के दौरान सामने आया कि वह पाकिस्तान से सीधे संपर्क में था और वहां से उसे रकम भी प्राप्त हो रही थी।कैसे हुआ खुलासासुरक्षा एजेंसियों को लंबे वक्त से डीआरडीओ कर्मचारी की गतिविधियों पर शक था। हाल ही में वह मोबाइल के माध्यम से पाकिस्तान में कई संवेदनशील सूचनाएं साझा कर चुका था। इसी बीच उसकी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलने पर सुरक्षा एजेंसियों ने उसे सोमवार रात हिरासत में लिया और पूछताछ के बाद मंगलवार को संयुक्त जांच समिति के हवाले कर दिया।डीआरडीओ विश्राम गृह में तैनात था आरोपीमहेंद्र वर्ष 2018 से डीआरडीओ विश्राम गृह, पोकरण में प्रभारी पद पर कार्यरत था जहां वह वैज्ञानिकों और अधिकारियों के आवास,प्रशिक्षण, परीक्षण और अभ्यास आदि गतिविधियों का जिम्मा संभालता था। इस पद पर रहते हुए उसे उच्चस्तरीय सूचनाएं भी प्राप्त होती थीं जिनका कथित दुरुपयोग उसने किया।आगे की कार्रवाई है जारीजैसलमेर जिला पुलिस अधीक्षक शिवराज मीणा ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि संयुक्त जांच समिति आरोपी से पूछताछ कर रही है और उसके पाकिस्तान संपर्क की पुष्टि हो चुकी है।


