मुख्यमंत्री शैक्षणिक भ्रमण योजना में डॉ. कनुप्रिया ने जेएनयू और दिल्ली का किया शैक्षिक भ्रमण

News Desk
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उच्च शिक्षा विभाग की मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन एवं ज्ञानवर्धन प्रशिक्षण योजना (शैक्षिक भ्रमण योजना) के अंतर्गत राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, लक्सर (हरिद्वार) की सहायक प्राध्यापक डॉ. कनुप्रिया राष्ट्रीय शैक्षिक भ्रमण में सम्मिलित हुईं। इस शैक्षिक भ्रमण में उत्तराखंड के विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों से, अलग-अलग विषयों का प्रतिनिधित्व करते हुए, कुल 40 प्राध्यापक शामिल हुए।यह शैक्षिक भ्रमण 15 से 20 सितंबर 2025 तक *जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), नई दिल्ली* में आयोजित हुआ। इस दौरान प्रतिभागियों ने विश्वविद्यालय की कक्षाओं, पुस्तकालय एवं विभिन्न संकायों का अवलोकन किया, छात्रों से संवाद किया तथा वहां की शिक्षण पद्धति, शैक्षणिक संस्कृति और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों को निकट से समझा।इस भ्रमण के माध्यम से प्रतिभागियों ने न केवल अपने ज्ञानवर्धन और शोध दृष्टि के उद्देश्य की पूर्ति की, बल्कि यह भी अनुभव किया कि इन जानकारियों और अनुभवों को अपने-अपने महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में लागू कर शिक्षा की गुणवत्ता और प्रभावशीलता को और बेहतर बनाया जा सकता है।जेएनयू के प्रख्यात प्रोफेसरों द्वारा भारतीय ज्ञान परंपरा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और शोध की नई दिशाओं जैसे विषयों पर व्याख्यान आयोजित किए गए। इन व्याख्यानों से प्रतिभागियों को ज्ञानवर्धक अनुभव प्राप्त हुआ, जो उनके शोध कार्यों में सहायक सिद्ध होगा।डॉ. कनुप्रिया तथा अन्य प्राध्यापक जेएनयू के अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. आर. पी. कुंडु से भी मुलाकात की और उनके मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं सह-शैक्षणिक गतिविधियों के विषय में विचार-विमर्श किया। साथ ही प्रो. शक्ति कुमार तथा अन्य प्राध्यापकों से भी विश्वविद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था व शोध पद्धति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कीं।अकादमिक गतिविधियों के अतिरिक्त, शिष्टमंडल ने दिल्ली के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक स्थलों—कुतुब मीनार, लाल किला, हुमायूं का मकबरा, इंडिया गेट, लोटस टेंपल, अक्षरधाम और राष्ट्रीय संग्रहालय—का भी भ्रमण किया तथा हड़प्पा एवं सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां अर्जित कीं।इस पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. अरुण कुमार चतुर्वेदी (हल्दुचौड़) के नेतृत्व में संपन्न हुआ।इस अवसर पर उत्तराखंड सरकार, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव एवं निदेशक तथा महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. वी. एन. शर्मा को हृदय से आभार

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