लोकजन एक्सप्रेस – श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की कमी के कारण आ रही है परेशानियां श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय की स्थापना 2012 में हुई थी उस समय हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध कुछ कॉलेज इस विवि से संबद्ध हुए थे हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय 2009 में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने से तकरीबन सभी कॉलेज श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में आ गए थे लगातार कर्मचारियों की कमी के कारण विवि में कुछ न कुछ परेशानियां आती रहती थी आज लगभग 200 से भी उपर कॉलेज शासकीय, अशासकीय निजी संस्थान को मिलाकर लगभग 90 हज़ार छात्र छात्राओं की परीक्षा का जिम्मा विश्वविद्यालय पर है और विवि के पास मात्र 54 कर्मचारी है जिसमें 2 सफाई कर्मचारी 2 गार्ड और 1 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है ऐसे में मात्र 49 कर्मचारियों के द्वारा विवि का संचालन किया जा रहा है
जिसमें 7अधिकारी जिनका विवरण ये है – कुलपति , वित्त अधिकारी, 2 सहायक परिक्षा नियंत्रक 2 सहायक कुलसचिव 1 कुलसचिव हैं बाकी सभी आउटसोर्स कर्मचारी है इस स्थिति में 200 से उपर कॉलेज और 90 हजार के करीब विधार्थियो को हेंडल करना मुश्किल ही नहीं नामुकिन है सरकार को पूर्व में भी विवि की इस परेशानी से अवगत करवाया गया था पर उसका कोई परिणाम नहीं निकला ऐसे में परेशानी का होना आम है विवी के पास प्रशासन,मान्यता ,परीक्षा वित, गोपनीय जैसे महत्वपूर्ण विभाग है ऐसे विभागों का संचालन आउटसोर्स कर्मचारियों के द्वारा किया जा रहा है प्रायः देखा जाता है कि छात्र छात्राओं को पुरोला चकराता या फिर जोशीमठ ग्वालदम जैसे दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों से विवि के चक्कर लगाने पड़ते हैं और कर्मचारियो की कमी के कारण उनका काम 1 दिन में नही हो पाता ऐसे में उन्हें वहीं होटल लेकर रहना पड़ता है जिस से पहाड़ के गरीब मजदूरी कर रहे बच्चों और उनके माता पिता का खर्चा होता है उत्तराखंड में बेरोजगारी चरम सीमा पर है ऐसे में सरकार को विवि में नियुक्ति करनी चाहिए जिस से काम सही तरीके से हो पाए अभी भी विवि को लगभग 100 कर्मचारियों की आवश्यकता है पटरी पर लाने के लिए और ये काम सरकार को करना पड़ेगा नही तो बच्चों की ऐसी परेशानी आम हो गई है अगर सभी बच्चे सीएम हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत करने बैठ गए तो सीएम पोर्टल भी हैंग हो जायेगा और फिर प्रोब्लम हो जायेगी
कैसे होगा समस्या का समाधान
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत जी को विवि में परमानेंट कर्मचारियो की नियुक्ति करना चाहिए और परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आउटसोर्स से हटा कर परमानेंट कर्मचारियों को देना चाहिए छात्रों के लिए हेल्पाइन नंबर की आवश्यकता और समय समय पर उसकी जांच होनी चाहिए डीजी लॉकर पर रिज़ल्ट की व्यवस्था माइग्रेशन प्रोविजनल सर्टिफिकेट की ऑनलाइन सुविधा विवि की वेबसाइट पर स्टूडेंट कॉर्नर होना चाहिए या ये कह सकते है कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के जैसा सभी कुछ ऑनलाइन हो
हमारे संवाददाता ने खुद विवि भ्रमण कर के अनेक समस्याओं से चैनल को अवगत करवाया है आगे की खबर के लिए बने रहें हमारे चैनल के साथ



