बदले परिवेश में उच्च शिक्षा को उद्योग एवं नवाचार से जोड़ना आवश्यक, राजकीय विवि के कुलपतियों की बैठक में बोले राज्यपाल

News Desk
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राज्यपाल ने कहा कि बदलते समय में उच्च शिक्षा को उद्योग और नवाचार से जोड़ना ज़रूरी है। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने और युवाओं को कौशल विकास के अवसर प्रदान करने पर ज़ोर दिया ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। राज्यपाल ने अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करने और शिक्षा के महत्व को समझने का भी आग्रह किया।

  1. उच्च शिक्षा को उद्योग से जोड़ना ज़रूरी
  2. शिक्षा में गुणात्मक सुधार पर ज़ोर
  3. युवाओं को कौशल विकास आवश्यक

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि बदलते वैश्विक परिवेश में शिक्षा को उद्योग जगत, नवाचार और प्रौद्योगिकी से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय केवल डिग्री प्रदान करने वाले संस्थान न रहकर राष्ट्र निर्माण के प्रमुख स्तंभ बनें।

गुरुवार को राजभवन में राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार देना नहीं, बल्कि ऐसे युवा तैयार करना होना चाहिए जो समाज, राज्य और देश के विकास में सक्रिय भागीदारी निभाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विवि अपने पाठ्यक्रमों को अद्यतन करते हुए छात्रों को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप ज्ञान और व्यावहारिक कौशल प्रदान करें।

राज्यपाल ने कहा कि छात्रों को उद्योगों, अनुसंधान संस्थानों और स्टार्टअप से जोड़कर उन्हें व्यावहारिक अनुभव दिया जाना चाहिए, जिससे वे तकनीकी और व्यावसायिक चुनौतियों का सामना कर सकें। उन्होंने विश्वविद्यालयों को अपने अलुम्नी नेटवर्क को सशक्त बनाने और सक्रिय प्लेसमेंट सेंटर स्थापित करने के भी निर्देश दिए, ताकि छात्रों को इंटर्नशिप और रोजगार के अधिक अवसर मिल सकें।

बैठक में कुलपतियों ने अपने विश्वविद्यालयों की उपलब्धियों, चुनौतियों और आवश्यकताओं की जानकारी दी। राज्यपाल ने सभी को समाधान के लिए सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि यह सकारात्मक प्रयास राज्य को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। बैठक में दून विवि की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, श्रीदेव सुमन विवि के कुलपति प्रो.एनके जोशी आदि मौजूद रहे।

मानक पूरा न करने वाले कालेजों को संबद्धता नहीं

बैठक में विश्वविद्यालयों से संबद्धता से जुड़े मामलों के शीघ्र निस्तारण पर भी चर्चा हुई। राज्यपाल ने कहा कि निर्धारित मानकों को पूरा न करने वाले कालेजों को संबद्धता न दी जाए। साथ ही, विश्वविद्यालयों को उनके गोद लिए गए गांवों में स्थानीय जरूरतों के अनुसार शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और आजीविका के क्षेत्रों में योगदान देने के निर्देश दिए।

राज्यपाल ने वन यूनिवर्सिटी-वन रिसर्च पहल की सराहना की। कहा कि द्वितीय चरण में प्रासंगिक एवं प्रभावशाली शोध विषयों को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया। उन्होंने विश्वविद्यालयों से एआइ, नई तकनीकों और उभरते क्षेत्रों में अध्ययन और शोध को प्राथमिकता देने का भी आह्वान किया।

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