लोकजन एक्सप्रेस टिहरी गढ़वाल l हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय), स्वामी राम तीर्थ परिसर, बादशाहीथौल, टिहरी के शिक्षा विभाग में स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री स्व. श्री मौलाना अबुल क़लाम आज़ाद जी की जयंती के अवसर पर विभाग में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम प्रभारी विभागाध्यक्ष डा नीरज जोशी ने अपने वक्तव्य में बताया कि मौलाना अबुल क़लाम आज़ाद द्वारा भारत में मंत्री पद पर रहते हुए किस प्रकार शिक्षा-संस्था की नींव रखी गई, जैसे कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) आदि। मौलाना अबुल कलाम आजाद न केवल राष्ट्र-निर्माण के विचारक थे, बल्कि एक प्रखर शिक्षाविद्, राजनीतिज्ञ और स्वतंत्रता सेनानी भी थे। उनकी दृष्टि में शिक्षा-व्यवस्था में सर्व-सुलभता, समावेशिता और गुणवत्ता अनिवार्य थी। उन्होंने शिक्षा के माध्यम से सामाजिक भेदभाव को कम करना चाहा और उनका मानना था कि एक शिक्षित नागरिक देश के लिए सबसे बड़ी संपत्ति है। इस अवसर पर पीएच.डी. शोधार्थी लव, दिव्या एंव बी.एड. प्रथम वर्ष के प्रशिक्षणार्थियों – स्वामी रामतीर्थ सदन से देव, गौरा देवी सदन से वैष्णवी, श्रीदेव सुमन सदन से मानसी, एंव तीलू रौंतेली सदन से आशीष ने शिक्षा के महत्व पर व्याख्यान संबोधित किए। इस अवसर पर डॉ. सुमन लता, डॉ. देवम, डॉ. मनोज नौटियाल, डॉ. हेमराज, डॉ. अखिलेश कुमार, डॉ. अरविन्द कुमार, व गौरव तड़ियाल आदि उपस्थित रहे।


