रायवाला के पास हरिद्वार-देहरादून रेल मार्ग पर हावड़ा एक्सप्रेस से टकराकर एक शिशु हाथी की मौत हो गई। यह घटना राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में हुई। यह रेलवे ट्रैक हाथियों के लिए काल बन गया है, पिछले 38 वर्षों में 33 हाथियों की जान जा चुकी है। वन विभाग और रेलवे के बीच तालमेल की कमी है। जिस जगह घटना हुई, वह हाथियों का गलियारा है, जहाँ चौकसी गायब है।
रायवाला: सोमवार सुबह हरिद्वार से देहरादून जा रही हावड़ा दून एक्सप्रेस (13009) की चपेट में एक शिशु हाथी आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई। यह घटना मोतीचूर-रायवाला स्टेशन के बीच राजाजी टाइगर रिजर्व की हरिद्वार रेंज के अंतर्गत हुई।
इस घटना के बाद दिल्ली आनंद विहार जा रही वंदे भारत ट्रेन को रायवाला स्टेशन रोका गया। वहीं, इस मामले में ट्रेन के लोको पायलट और सहायक लोको पायलट के विरुद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। बताया जा रहा है कि दोनों को हिरासत में ले लिया गया है।
हादसा सोमवार सुबह करीब छह बजकर 31 मिनट पर हुआ। हाथियों का झुंड राजाजी टाइगर रिजर्व के बीच से गुजर रहे रेलवे ट्रैक को पार कर रहा था। इसी बीच योगनगरी रेलवे स्टेशन जा रही हावड़ा-दून एक्सप्रेस ट्रेन (13009) आ गई। हाथियों ने तो रेलवे ट्रैक पार कर लिया था, लेकिन झुंड में साथ चल रहा शिशु हाथी ट्रेन की चपेट में आ गया। मरने वाले शिशु हाथी की उम्र करीब छह से आठ वर्ष बताई जा रही है।वहीं, इस संबंध में वन्यजीव प्रतिपालक अजय लिंगवाल ने बताया कि ट्रेन के लोको पायलट खुशी राम मौर्य और सहायक लोको पायलट दीपक कुमार के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।38 वर्ष में 33 हाथी बने काल का ग्रासराजाजी टाइगर रिजर्व के बीच से गुजर रहा रेलवे ट्रैक कई मतर्बा हाथियों के लिए जानलेवा साबित हुआ है। वन विभाग और रेलवे में सामंजस्य न होने से हाथी अपनी जान गवां रहे हैं। हरिद्वार-देहरादून के बीच स्थित इस ट्रैक पर बीते 38 वर्ष में 33 हाथी काल का ग्रास बन चुके हैं। सोमवार सुबह हुई घटना ने एक बार फिर सुरक्षा दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।


