चिकित्सा शिक्षा विभाग के कई और अधिकारी शासन की रडार पर, जांच होते ही गाज गिरना तय..
देहरादून । चिकित्सा शिक्षा विभाग इन दिनों प्रदेश भर में चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है । नर्सिंग काउंसिल के पूर्व रजिस्ट्रार रामकुमार शर्मा पर कार्रवाई की तलवार लटकाने के बाद अब चिकित्सा शिक्षा विभाग में कई अन्य अधिकारी भी शासन की रडार पर आ गए हैं जो निजी कॉलेजों और ठेकेदारों के साथ मिली भगत कर सरकारी काम काज प्रभावित करने में जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं निर्माण से लेकर उपकरणों की खरीद में किए गए खेल की शिकायत शासन तक पहुंच रही है जिसके बाद बड़ी जांच कराए जाने की तैयारी की जा रही है चिकित्सा शिक्षा विभाग के कारनामे जहां एक तरफ सरकारी खजाने पर भारी पड़ रहे हैं तो वहीं सरकार भी इससे असहज होती हुई दिखाई दे रही है माना जा रहा है कि जल्द ही शासन विशेष ऑडिट कराते हुए उन अधिकारियों को कार्रवाई की रडार पर लेने जा रहा है जो नियमों को तांक पर रख कर एडजेस्टमेंट गेम खेल रहे है। दरअसल एक के बाद शिकायत शासन तक पहुंचना भी इस बात की तस्दीक कर रहा है कि दाल में कुछ तो काला है लेकिन ठोस जांच के बिना उन कारनामों से पर्दा उठने की संभावनाएं कम है। जहां विभाग सरकार की छवि पर बट्टा लगा रहा है तो वहीं शासन सरकार के जीरो टॉलरेंस के नारे को बुलंद कर रहा है।