उत्तराखंड में पहली बार चारधाम की शीतकालीन यात्रा शुरू

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उत्तराखंड में पहली बार चारधाम की शीतकालीन यात्रा शुरू

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरआनंद ने कहा कि लोगों को शीतकालीन चार धाम यात्रा के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से यह शुरुआत की जा रही है। जिसमें लोगों को यह बताना है कि चारों धामों की पूजा केवल 6 महीने ही नहीं साल भर की जाती है।

हरिद्वार। बुधवार को ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरआनंद सरस्वती ने हरिद्वार से शीतकालीन चार धाम यात्रा की शुरुआत की। अपने आप में अनूठी इस पहल में शंकराचार्य चार धाम के चारों मुख्य मंदिरों में प्रवास करेंगे। एक हफ्ते तक चलने वाली इस शीतकालीन चार धाम यात्रा में शंकराचार्य अपने भक्तों के साथ सबसे पहले खरसाली पहुंचेंगे उसके बाद वे मुखवा और फिर ऊखीमठ होते हुए उनका अंतिम पड़ाव जोशीमठ में होगा।

शंकराचार्य ने श्रद्धालुओं को दिया संदेश
आपको बता दें कि इन सभी जगह पर गंगोत्री, यमुनोत्री,केदारनाथ और भगवान बद्रीनाथ की शीतकालीन पूजा की जाती है। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरआनंद ने कहा कि लोगों को शीतकालीन चार धाम यात्रा के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से यह शुरुआत की जा रही है। जिसमें लोगों को यह बताना है की गंगोत्री, यमुनोत्री, बाबा केदारनाथ और भगवान बद्रीनाथ की पूजा केवल 6 महीने ही नहीं साल भर की जाती है।

इसलिए वे यहां केवल गर्मियों में ही नहीं अपितु शीतकाल में आकर भी पुण्य लाभ कमा सकते हैं। बुधवार को शंकराचार्य अभी स्वामी अभी मुक्तेश्वर आनंद ने अपने भक्तों के साथ गंगा पूजा कर इस यात्रा की शुरुआत की।

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