गाजीपुर का प्रखर चतुर्वेदी क्या बनेगा नया सितारा

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गाजीपुर का प्रखर चतुर्वेदी क्या बनेगा नया सितारा

भारत में क्रिकेट को एक मजहब की तरह देखा जाता है क्रिकेट को लेकर जो दीवानगी भारत में है वह शायद ही किसी और देश में हो ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड जैसे देशों में भी क्रिकेट काफी पॉपुलर है लेकिन क्रिकेट की असली प्रतिभा भारत से निकलती है अतीत में सचिन तेंदुलकर का बड़ा डंका पूरे विश्व में बसता था और अब विराट कोहली की धक देखने को मिल रही है छोटे शहरों में लगातार अच्छा टैलेंट देखने को मिल रहा है वर्तमान में कुछ ऐसे क्रिकेटर हैं जो लगातार डोमेस्टिक सर्किट में रानू का अंबार लगा रही है हालांकि उनका अभी तक भारत से खेलने का मौका नहीं मिल पा रहा है सरफराज खान सबसे बड़ा नाम है जिनके बल्ले से लगातार रन निकल रहे हैं लेकिन अब तक उनको टीम इंडिया के लिए नहीं चुना गया इसके बावजूद सरफराज खान ने हिम्मत नहीं हारी और वह लगातार रन बना रहे हैं उन्हीं की तरह एक और सितारा भारतीय क्रिकेट में दस्तक दे रहा है आज हम आपको एक ऐसे प्रतिभा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी तारीफ खुद बीसीसीआई ने भी की है उनकी बल्लेबाजी को देखकर उन्हें टीम इंडिया का लारा तक कहे जाने लगा है जी हम बात करें प्रखर चतुर्वेदी की जिसे कुछ बिहार ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में 404 रन बनाकर युवराज सिंह के 25 साल के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है उनसे यह कारनामा मुंबई जैसी मजबूत टीम के खिलाफ किया है कर्नाटक की तरफ से खेलने वाले प्रखर इस वक्त सुर्खियों में है

उनकी परफॉर्मेंस की हर तरफ तारीफ हो रही है आपको बताना चाहेंगे कि कुछ बिहार ट्रॉफी डॉमेस्टिक सर्किट में एक प्रतिष्ठत अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट माना जाता है उन्होंने फाइनल मुकाबले में 400 का आंकड़ा पार किया है जो किसी भी खिलाड़ी ने अब तक नहीं किया है उसके इस प्रश्न के बाद सोशल मीडिया पर उनको सर्च किया जा रहा है लोग जानना चाहते हैं कि कौन है प्रखर चतुर्वेदी उनको आने वाले दोनों में भारत का एक ओवर था वह सितारा बताया जा रहा है हालांकि वहां कर्नाटक के रहने वाले हैं लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम है कि वह उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के रहने वाले हैं दरअसल में प्रखर चतुर्वेदी का परिवार पिछले दो दशकों से बेंगलुरु में रह रहा है उनके पिता संजय चतुर्वेदी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं जबकि उनकी मां रूपा चतुर्वेदी डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन में काम करती है मूल रूप से पूर्व पूर्वांचल के रहने वाले खिलाड़ी ने अपने बल्ले से इस जौहर से हर किसी को अपना दीवाना बना दिया है प्रखर चतुर्वेदी बा फर्स्ट ईयर में पढ़ते हैं उन्होंने 12वीं कक्षा में अच्छे ग्रेड से पास किया है लेकिन क्रिकेट पर उनका फोकस है पिछले कुछ सालों से वहां क्रिकेट पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं मीडिया रिपोर्ट की माने तो 2017 से प्रखर चतुर्वेदी सिक्स क्रिकेट अकादमी में जाकर क्रिकेट की कोचिंग ले रहे हैं पर कर अंदर-19 के अलावा अंदर 16 में अपना जलवा दिखा चुके हैं कुल मिलाकर आने वाले दिनों में वहां एक और खिलाड़ी टीम इंडिया का हिस्सा बन सकता है लेकिन पढ़कर जैसे टैलेंट को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी बीसीसीआई की है

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