उत्तराखंड के ऐतिहासिक पर्यटन और सांस्कृतिक स्थल होंगे विकसित, सौर ऊर्जा से रोशन होंगे गांव-घर

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उत्तराखंड के ऐतिहासिक पर्यटन और सांस्कृतिक स्थल होंगे विकसित, सौर ऊर्जा से रोशन होंगे गांव-घर

उत्तराखंड के ऐतिहासिक पर्यटन और सांस्कृतिक स्थल होंगे विकसित, सौर ऊर्जा से रोशन होंगे गांव-घरराज्य में बदरीनाथ, केदारनाथ जैसे धार्मिक स्थलों को विकसित करने की योजना चल रही है। अब पर्यटन स्थलों के लिए भी राज्य के हिस्से में कुछ अच्छा मौका मिल सकता है।

उत्तराखंड के ऐतिहासिक पर्यटन और सांस्कृतिक स्थलों के विकास को आम बजट से नई दिशा मिलेगी। बजट में इन स्थलों को विकसित करने के लिए लंबी अवधि का ब्याजमुक्त लोन मिलेगामोदी सरकार का यह बजट उत्तराखंड में भी पर्यटन व तीर्थाटन के क्षेत्र को नई ऊर्जा देने का काम करेगा।

बजट में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ऐतिहासिक व सांस्कृतिक स्थलों के विकास के लिए राज्यों को प्रोत्साहन और लंबे समय तक ब्याजमुक्त लोन की घोषणा की गई है, जिससे पर्यटन क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

राज्य में बदरीनाथ, केदारनाथ जैसे धार्मिक स्थलों को विकसित करने की योजना चल रही है। अब पर्यटन स्थलों के लिए भी राज्य के हिस्से में कुछ अच्छा मौका मिल सकता है। हालांकि, अभी पर्यटन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पहले बजट के प्रावधानों को देखा जाएगा। उस हिसाब से प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। निसंदेह पर्यटक प्रदेश होने के नाते देवभूमि इससे लाभान्वित होगीसौर ऊर्जा से रोशन होंगे गांव-घर
सौर ऊर्जा से राज्य के गांव-घर रोशन होंगे।

राज्य में यह योजना सोलर रूफ टॉप के तहत चल रही है, जिसमें 65-70 प्रतिशत सब्सिडी मिल रही है। करीब आठ हजार लोगों ने अपने घरों पर सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगवा भी लिए हैं।

अब बजट बढ़ने से इसे और बढ़ावा मिलेगा। मोदी सरकार ने बजट में आगामी वित्तीय वर्ष में सौर ऊर्जा ग्रिड के तहत बजट 4,970 से बढ़ाकर 8,500 करोड़ कर दिया है। केंद्र सरकार ने एक करोड़ सोलर पैनल यूजर को 300 यूनिट प्रतिमाह बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। राज्य में पहले से सोलर रूफ टॉप योजना काफी फायदेमंद साबित हो रही है।

8,000 लोग अपने घरों को सौर ऊर्जा से रोशन कर रहे हैं। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया, सोलर रूफ टॉप योजना के तहत तीन किलोवाट तक का कनेक्शन घर पर लगाने पर प्रति किलोवाट करीब 50 हजार का खर्च आता है। यानी 1.5 लाख के प्रोजेक्ट पर उपभोक्ता को महज 50 हजार तक खर्च करना होगा। बाकी पैसा केंद्र व राज्य की सब्सिडी से सीधे वेंडर को मिल जाता है।

स्मार्ट मीटर से होगी राह आसान
यूपीसीएल प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू करने जा रहा है। स्मार्ट मीटर में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट से कितनी बिजली यूपीसीएल की ग्रिड में गई और कितनी बिजली खर्च हुई, इसकी पूरी जानकारी रीडिंग में आएगी। इससे उपभोक्ताओं को भी परेशानी नहीं होगी।

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