माननीय सूचना आयोेग द्वारा दिये गये निर्णय पर
प्रो0 एन0के0जोशी, कुलपति द्वारा लिये गये कठोर निर्णय।
- प्रो0 वी0पी0 श्रीवास्तव, परीक्षा नियन्त्रक को किया गया तत्काल कार्यमुक्त।
- प्रो0 चतर सिंह नेगी, वाणिज्य संकाय परिसर ऋषिकेश होंगे, अग्रिम आदेशों तक विश्वविद्यालय के नये परीक्षा नियन्त्रक।
- सम्बन्धित मूल्यांकनकर्ता परीक्षकों को आगामी 10 वर्षो के लिए विश्वविद्यालयी कार्यों से किया प्रतिबन्धित (Debar) व इनके विरूद्ध नियमानुसार कठोर कार्यवाही हेतु निदेशक, उच्च शिक्षा को पत्र सन्दर्भित तथा परीक्षकांे की मूल्यांकन सम्बन्धी चूक की जांच एवं दायित्व निर्धारण हेतु उच्चस्तरीय समिति का गठन।
- डाॅ0 राकेश कुमार जोशी, रसायन विभाग विभाग, परिसर ऋषिकेश को उपकुलसचिव के रिक्त पद का अग्रिम आदेशों तक कार्यभार तथा साथ ही विश्वविद्यालय के वर्तमान लोक सूचना अधिकारी को कार्यमुक्त करते हुए डाॅ0 राकेश जोशी को लोक सूचना अधिकारी का भी अग्रिम आदेशों तक दिया गया दायित्व।
- विश्वविद्यालय स्तर पर अनुरोधकर्ता को सूचना न दिये जाने के कारणों एवं किस स्तर पर लापरवाही की गयी है, की जांच एवं दायित्व निर्धारण हेतु उच्चस्तरीय समिति का गठन।
दिनांक 26.06.2024 को सूचना अधिकार सम्बन्धी प्रकरण पर मा0 आयोग द्वारा दिये गये निर्णय के सम्बन्ध में विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर पर प्रो0 जोशी द्वारा बताया गया कि उनके संज्ञान में ना तो यह प्रकरण था और ना ही विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया। इस प्रकरण पर प्रो0 जोशी, कुुलपति द्वारा विश्वविद्यालय हित में कड़ी कार्यवाहियां करते हुए कठोेर निर्णय लिये गये।
प्रो0 विजय प्रकाश श्रीवास्तव, परीक्षा नियन्त्रक को परीक्षा नियन्त्रक पद से तत्काल प्रभाव से हटाते हुए उनके स्थान पर प्रो0 चतर सिंह नेगी, वाणिज्य संकाय, पं0ल0मो0शर्मा परिसर ऋषिकेश को अग्रिम आदेशों तक विश्वविद्यालय का नवीन परीक्षा नियंत्रक बनाया गया। सम्बन्धित मूल्यांकनकर्ता परीक्षकों, जिनके द्वारा यह अनियमित कार्य किया गया है, पर कड़ी कार्यवाही करते हुए भविष्य के लिए विश्वविद्यालयी समस्त कार्यों से प्रतिबन्धित करते हुए इनके विरूद्ध नियमानुसार कठोर कार्यवाही हेतु निदेशक, उच्च शिक्षा को पत्र सन्दर्भित किया गया व परीक्षकों की मूल्यांकन सम्बन्धी चूक की जांच एवं दायित्व निर्धारण हेतु उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया। इसके अतिरिक्त अनुरोधकर्ता के सूचना आवेदनों का तत्काल निस्तारण हेतु वर्तमान लोक सूचना अधिकारी को कार्यमुक्त करते हुए उनके स्थान पर नवीन उपकुलसचिव को लोक सूचना अधिकारी का दायित्व भी सौेेेेेेेेेेेेेेेंपा गया। कुलपति द्वारा बताया गया कि विश्वविद्यालय स्तर अनुरोधकर्ता को समय पर सूचना न दिये जाने के कारणों एवं किस स्तर पर लापरवाही की गयी है, की जांच एवं दायित्व निर्धारण हेतु उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया, जो कि 15 दिन भीतर अपनी जांच आख्या कुलपति को उपलब्ध करायेगी। प्रो0 जोशी द्वारा यह भी बताया गया कि विश्वविद्यालय की कार्यशैली सुधार, पारदर्शी एवं सुचिता बनाये रखने हेतु भविष्य में भी समय-समय पर संज्ञान लेते हुए कार्यवाहियां अमल में लायी जाती रहेंगी।