ऋषिकेश पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय ऋषिकेश में आई क्यू ए सी के तत्वाधान में संयोजक तथा विश्वविद्यालय के नेक निदेशक प्रोफेसर हितेंद्र सिंह द्वारा एकदिवसीय प्रेरण कार्यशाला का आयोजन किया गया
जिसका उद्घाटन प्रोफेसर एन के जोशी माननीय कुलपति द्वारा किया गया । इस एक दिवसीय कार्यशाला में नैक द्वारा मूल्यांकन में प्रत्यायन के संबंध में किए गए बदलावों तथा नई व्यवस्था “बाइनरी मूल्यांकन” के बारे में परिसर के सभी प्राध्यापकों को अवगत कराया गया । इस कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कुलपति प्रोफेसर एन के जोशी द्वारा नई व्यवस्था, इससे होने वाले लाभ तथा गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु दिशा निर्देश दिए गए । उन्होंने नई व्यवस्था से शैक्षणिक माहौल तथा प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने पर जोर दिया । उनके द्वारा बताया गया कि शोध के क्षेत्र में तथा अन्य गतिविधियों में परिसर में छात्रों की रुचि बढ़ रही है जिसका फायदा विश्वविद्यालय को नैक प्रत्यायन के रूप में अवश्य मिलेगा । विगत 1 वर्ष में विश्वविद्यालय द्वारा 25 पेटेंट तथा दर्जनों समझौता प्रपत्रों पर हस्ताक्षर कर इस और कदम बढ़ा चुका है । विश्वविद्यालय परिसर में हो रहे विकास कार्य जैसे भवन निर्माण एवं उत्कृष्ट केंद्र स्थापित करने की चर्चा कर सबको गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ होने की बात कही। मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर हितेंद्र सिंह द्वारा नई नई प्रक्रिया के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया उनके द्वारा सिलेबस बनाने में सभी अवयवों को शामिल करने, अवस्थापना एवं आधारभूत सुविधाएं बढ़ाने तथा शिक्षकों के हित में कुलपति महोदय द्वारा किए जा रहे हैं प्रयासों की जानकारी दी । दूसरे वक्ता डॉ राकेश जोशी द्वारा शिक्षण क्षेत्र गतिविधियों में छात्रों के प्रतिभाग तथा छात्रों की सुविधा किस प्रकार बढ़ाई जा सकती हैं, इस पर विचार व्यक्त किए गए । डॉक्टर अटल बिहारी त्रिपाठी द्वारा टीचिंग लर्निंग तथा ग्रीन ऑडिट प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी गयी। अंत में कैंपस निदेशक प्रो महाबीर सिंह रावत द्वारा कार्यशाला में दिए गए सुझावों पर अमल कर विश्वविद्यालय की नैक प्रक्रिया नई व्यवस्था से सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने का संकल्प दोहराया गया। इस अवसर पर परिसर के समस्त प्राध्यापकगण उपस्थित थे।