फंडामेंटल्स ऑफ मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय पर एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन एवं पुरस्कार वितरण

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फंडामेंटल्स ऑफ मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय पर एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन एवं पुरस्कार वितरण

ऋषिकेश पंडित ललित मोहन शर्मा मोहन श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश मे अर्थशास्त्र विभाग की विभागीय परिषद द्वारा फंडामेंटल्स ऑफ मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय पर एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन विकसित भारत 2047 के अंतर्गत की गई
विभागीय परिषद द्वारा वर्ष भर आयोजित की गई विभिन्न प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरण भी किए गए कार्यक्रम का उद्घाटन कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं परिसर के निदेशक प्रो महावीर सिंह रावत द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो पुष्पांजलि आर्य द्वारा अध्यक्ष का स्वागत फूलों का गुलदस्ता देकर किया। कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ. अशोक कुमार मैन्दोला ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर विज्ञान के व्यापक क्षेत्र के भीतर दो निकट से संबंधित लेकिन अलग-अलग क्षेत्र हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक अनुशासन है जो बुद्धिमान मशीनों को बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है जो ऐसे कार्य कर सकते हैं जिनके लिए आमतौर पर मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है, जैसे दृश्य धारणा, भाषण पहचान, निर्णय लेना और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण। इसमें एल्गोरिदम और सिस्टम का विकास शामिल है जो इनपुट डेटा के आधार पर तर्क कर सकते हैं, सीख सकते हैं और निर्णय ले सकते हैं।दूसरी ओर, मशीन लर्निंग (एमएल) एआई का एक उपक्षेत्र है जिसमें मशीनों को स्पष्ट रूप से प्रोग्राम किए बिना डेटा से सीखना सिखाया जाता है। एमएल एल्गोरिदम डेटा में पैटर्न और रुझानों की पहचान कर सकते हैं और उनका उपयोग पूर्वानुमान और निर्णय लेने के लिए कर सकते हैं। एमएल का उपयोग पूर्वानुमान मॉडल बनाने, डेटा को वर्गीकृत करने और पैटर्न को पहचानने के लिए किया जाता है, और यह कई एआई अनुप्रयोगों के लिए एक आवश्यक उपकरण है। प्रो रावत ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बनावटी तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता। बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और इंजीनियरिंग है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर साइंस का एक सब-डिवीजन है और इसकी जड़ें पूरी तरह से कंप्यूटिंग सिस्टम पर आधारित हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उद्देश्य ऐसे उपकरणों का निर्माण करना है जो इंटेलिजेंस से और स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकें और मानव श्रम और मैनुअल काम को कम कर सकें।अर्थशास्त्र विभाग अध्यक्ष प्रो पुष्पांजलि आर्य ने छात्रों को मोटिवेट करते हुए कहा आने वाला समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर साइंस का है और हमें आने वाली चुनौतियों के प्रति स्पर्धा के लिए अभी से ही तैयार रहे। क्योंकि सफलता किसी को भी एक झटके में नहीं मिलती, लेकिन लगातार प्रयास करते रहने से एक दिन जरूर मिलती है। कार्यशाला के अंत में परिसर के निदेशक द्वारा सफल प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया स्लोगन प्रतियोगिता में
सानिया रानी ने प्रथम स्थान, अभिनव गुप्ता ने द्वितीय स्थान, मोनिका ने तृतीय स्थान प्राप्त किया । पोस्टर प्रतियोगिता में अभिनव गुप्ता ने प्रथम स्थान, सानिया रानी ने द्वितीय स्थान, कुमारी प्रीति एवं कुमारी कविता ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया। निबंध प्रतियोगिता में अभिनव गुप्ता ने प्रथम स्थान,कुमारी वर्तिका खत्री ने द्वितीय स्थान, मोनिका एवं सपना ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया ।भाषण प्रतियोगिता में अभिनव गुप्ता एवं अभिषेक मिश्रा ने संयुक्त रूप से प्रथम स्थान, आंचल पवार एवं अंजू ने संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान, कुमारी वर्तिका खत्री ने तृतीय स्थान प्राप्त किया । मंच का संचालन डॉ मंच का संचालन एवं धन्यवाद डॉ अलका द्वारा किया गया सफल प्रतिभागियों को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एन के जोशी द्वारा बधाई दी और कहा कि इस तरह की गतिविधियों में भाग लेने से विद्यार्थियों के रचनात्मक कौशल का विकास होता है। साथ ही उनका आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ेगा। किसी भी प्रतियोगिता में छात्र छात्राओं के बीच प्रतिस्पर्धा होती है एवं छात्र छात्राओं के लिये प्रतियोगिताओं का आयोजन कराना एक महत्वपूर्ण बात है। इससे छात्र-छात्राओं का सर्वांगीण विकास होता है। इस अवसर पर प्रो वी एन गुप्ता करिश्मा राणा आयुष ध्यानी प्रतिभा पायल आस्था अंशिका सुषमा आलोक सेमवाल खुशी नौटियाल सिमरन कालरा रवि साहनी अनुष्का योगेश कश्यप गौरवदीपाआदि उपस्थित रहे ।

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