श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय का पंचम दीक्षान्त समारोह का किया गया भव्य आयोजन
शैक्षणिक सत्र 2022.23 के पारम्परिक एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के स्नातक एवं परास्नातक कक्षाओं के कुल 21230 विद्यार्थियो को उपाधि प्रदान की गई जिसमे स्नातक स्तर पर कुल 17827 छात्र.छात्राये तथा स्नातकोत्तर स्तर पर 3403 छात्र.छात्राये शामिल तथा स्नातक एवं परास्नातक कक्षाओं में उच्चतम अंक पाने वाले 81 विद्यार्थियो को स्वर्णपदक प्रदान किये किए गए जिसमें 18 छात्र एवं 63 छात्राये शामिल रहे।
ऋषिकेश श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय का पंचम दीक्षांत समारोह पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश मेंआयोजित किया गया दीक्षांत समारोह में माननीय श्री राज्यपाल उत्तराखण्ड और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ले ज गुरमीत सिंह जी (से नि) मुख्य अतिथि, अतिविशिष्ट अतिथि माननीय उच्च शिक्षा मन्त्री उत्तराखण्ड सरकार डॉ धन सिंह रावत जी, माननीय वित्त मन्त्री उत्तराखण्ड सरकार डॉ प्रेमचन्द अग्रवाल जी दीक्षान्त समारोह में विशिष्ट अतिथि,विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एन0के0 जोशी कुलसचिव श्री दिनेश चंद्र निर्देशक प्रोफेसर महावीर सिंह रावत के अतिरिक्त कार्यपरिषद एवं शैक्षिक परिषद के मा0 सदस्यगण, प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों द्वारा शिरकत की गयी। विश्वविद्यालय के पंचम दीक्षांत समारोह के शैक्षणिक सत्र 2022.23 के पारम्परिक एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के स्नातक एवं परास्नातक कक्षाओं के कुल 21230 विद्यार्थियो को उपाधि प्रदान की गई जिसमे स्नातक स्तर पर कुल 17827 छात्र.छात्राये तथा स्नातकोत्तर स्तर पर 3403 छात्र.छात्राये शामिल है तथा स्नातक एवं परास्नातक कक्षाओं में उच्चतम अंक पाने वाले 81 विद्यार्थियो को स्वर्णपदक प्रदान किये किए गए जिसमें 18 छात्र एवं 63 छात्राये शामिल हैं साथ ही स्नातक.स्तर पर कलाए विज्ञान एवं वाणिज्य तीनो ं संकायों में से सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को श्रीदेव सुमन गोल्ड मेडल से अलंकृत किया गया। परास्नातक स्तर पर तीन विषयों मे सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को कैप्टेन शूरवीर सिंह पंवार पदक से एवं स्नातक स्तर पर वाणिज्य संकाय में सर्वोच्च अंक प्राप्तकर्ता को स्व0 श्री नन्दराम पुरोहित स्वर्ण पदक से अलंकृत किया गया है। प्रदेश के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ले ज गुरमीत सिंह (से नि) ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस सत्र के स्वर्ण पदक विजेताओं तथा उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को मेरी ओर से हार्दिक बधाई एवं असीम शुभकामनाएँ। हिमालय भारत का मस्तक है। इसकी गोद में बसा देवभूमि उत्तराखण्ड भारत की सभ्यता और संस्कृति की अविरल यात्रा का न केवल साक्षी रहा है अपितु यहए इसकी सृजन और संश्लेषण की भूमि भी रही है। यह हमारी महान राष्ट्रीय.ज्ञान.परंपरा की आधार शिला रखने वाले ऋषियों.महर्षियों की तप भूमि है। देवभूमि उत्तराखण्ड हमारे पवित्र तीर्थों चार धामों और हेमकुंड साहिब की पावन भूमि भी है।इस पुण्य भूमि में स्थित यह विश्वविद्यालय श्री देव सुमन जैसे महापुरुष के नाम से जुड़ा है जिन्होंने अत्यन्त अल्प जीवन.काल मात्र 28 वर्ष की अवस्था में जन.सेवा के लिए अन्याय के खिलाफ संघर्ष करते हुए सर्वोच्च बलिदान का वह दीप जलाया जो आज भी हमें न केवल गौरवान्वित करता हैए बल्कि जीने की राह को भी प्रकाशमय करता है। इस अवसर पर मैं उनके पुण्य चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ। विश्वविद्यालय ने अल्प काल.खण्ड में अकादमिक क्षेत्र तथा अन्य पाठ्य सहचर्या क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। छात्र संख्या और संबद्ध शिक्षण संस्थाओं की संख्या की दृष्टि से भी यह विश्वविद्यालय राज्य का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय जिनमें एक लाख से भी अधिक छात्र.छात्राएँ अध्ययनरत है। इस विश्वविद्यालय द्वारा शोध और नवाचार की दिशा में उठाए जा रहे कदम उत्तराखण्ड और देश के हित में निश्चित रूप से लाभकारी होंगे इसलिए आपको अपनी योग्यता और क्षमता का उपयोग राष्ट्र प्रथम और एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना से करना है। नया भारत जो शक्ति और शांति दोनों का महत्व जानता है। जब दुनिया में एक देश की दूसरे देश से दूरी बढ़ रही हैए तब दुनिया के देश भारत से निकटता बढ़ा रहे हैं। ये सामान्य बात नहीं है ये नया इतिहास रचा जा रहा है। यह सब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में ही संभव हो रहा है।मुझे विश्वास है कि आप जैसे सामर्थ्य से भरे युवाओं के पुरूषार्थ से ही 2047 में देश विकसित भारत बनने वाला है। इस समय जब देश विकसित भारत बन चुका होगा तब आप गर्व से कहेंगे कि विकसित भारत के निर्माण में हमारी मेहनत और पसीने का भी योगदान है।इस भव्य दीक्षांत समारोह के सफल आयोजन के लिए उन्होनें कुलपति प्रो0 एन0के0 जोशी के नेतृत्व मुख्यालय एवं परिसर ऋषिकेश में किये जा रहे अवस्थपना, शोध कार्याें की प्रशंसा की साथ ही विश्वविद्यालय की पूरी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि कुलपति प्रो0 जोशी के प्रयत्नों से श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय प्रगति के पथ पर निरंतर बढ़ते हुए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक आदर्श शिक्षण संस्थान के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में सफल होगा। उच्च शिक्षा मंत्री उत्तराखण्ड सरकार डॉ0 धन सिंह रावत जी शहरी विकास मंत्री उत्तराखण्ड सरकार ने संबोधित करते हुए कहा कि मैं सभी छात्र.छात्राओं को बधाइयाँ और शुभकामनाएँ देता हूँ! प्रत्येक विद्यार्थी यही चाहता है कि वह अच्छी डिग्री और उत्कृष्ट योग्यता हासिल कर जीवन के कर्मक्षेत्र में प्रविष्ट हो। आज आपका यह स्वप्न साकार हो रहा है। हम सब के लिए यह उल्लास और उत्सव का अवसर है। इस शुभ अवसर पर मैं आपका अभिनंदन करता हूँ। मुझे पूरा विश्वास है कि अपनी दृढ़ जिजीविषा और अनुशासन से आप जीवन.संघर्षों में विजय पाएँगे। जीवन.विधियों के दो मुख्य प्रकार होते हैं . पारम्परिक और साम्प्रतिक। पारम्परिक जीवन.शैली में सुरक्षा और स्थिरता होती है क्योंकि यह विगत अनुभवों का आधार लेकर आगे बढ़ती है। साम्प्रतिक शैली में नये अनुभवों से सीधे टकराने और नये जोखि़म उठाने पड़ते हैं। व्यक्तिगत और पारिवारिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इनमें से किसी एक शैली को चुना जा सकता है पर इतना याद रहे कि जीवन में आसानी से मिलने वाली सफलताएँ कभी वह स्वाद नहीं देती हैं जो कठिन रास्तों पर चल कर पाई गई सफलताओं में होता है। इसलिए आज के समाज में अपनी जगह बनाने के लिए न केवल कठिन अध्यवसाय बल्कि धैर्य और संघर्षशीलता की जरूरत है। युवा.वर्ग के प्रदर्शन के स्तर को बेहतर बनाने के लिए हमें अपने शैक्षिक संस्थानों को लगातार मजबूत बनाना है। अध्यापकों को बेहतर ट्रेनिंग और अपडेशन सुविधाओं के साथ ही शिक्षण के क्षेत्र में और स्वायत्तता की आवश्यकता है। इसके लिए संस्थाओं में छात्रों और शिक्षकों के अनुपात पर ध्यान दिया जा रहा है। समर्थ पोर्टल और एकेडेमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के माध्यम से विद्यार्थियों से संबंधित सूचनाओं को प्रभावी ढंग से व्यवस्थित किया गया है। हमारा उद्देश्य अपने उच्च शिक्षण.संस्थाओं को राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाना है। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि सभी अपने आगामी जीवन में हजारों लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगे। आपकी प्रतिभा तथा आपके द्वारा प्राप्त शिक्षा की गुणवत्ता आपको जीवन की ऊँचाइयों पर ले जाएगी। मैं आपसे आशा करता हँू कि आप प्रदेश और देश की उन्नति के इस महान कार्य में उत्साह के साथ शामिल हों। जीवन के जिस क्षेत्र में आप अपना स्थान बनाएँ अपने प्रदेश और देश के गौरव और सम्मान की अभिवृद्धि आपका लक्ष्य बनेे। मुझे प्रसन्नता है कि श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय अपनी अकादमिक उपलब्धियों और गतिविधियों के माध्यम से लगातार उन्नति कर रहा है। विश्वविद्यालय के सत्र का नियमनए ई0आर0पी0 पोर्टल द्वारा विश्वविद्यालय का पूर्ण डिजिटाइजेशनए नवीन व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का संचालन विश्वविद्यालय मुख्यालय और ऋषिकेश परिसर में नवीन निर्माण कार्य शिक्षा और अनुसंधान में नवाचार आदि उल्लेखनीय उपलब्धियाँ रही हैं।जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है अच्छा मनुष्य बनना। इस उपलब्धि को पाने वाला जीवन ही सार्थक जीवन है। सफलता में बड़ा आकर्षण होता हैए लेकिन वह सिर्फ अपने और अपनों के लिए होती है। सार्थकता का आयाम बहुत विस्तृत हैए उसमें संपूर्ण विश्व को समेट लेने की क्षमता होती है। विश्वविद्यालय से उपाधि पाने का अर्थ है आपके व्यक्तित्व का वह उत्कर्ष जो आपको विश्व.नागरिक बनाता है। विश्व की चिंता में सभी की चिंताएँ समाहित होती हैं। मैं पुनः आप सभी उपाधि धारकों को सफलता के लिए बधाई देता हँू एवं सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ। वित्त मंत्री उत्तराखण्ड सरकार डॉ0 प्रेम चन्द अग्रवाल ने पंचम दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि ऋषिकेश विश्व की आध्यात्मिक राजधानी है। सतत् प्रवहमान गंगा की अविरल धाराए शिवालिक की श्रेणियों का सौन्दर्य तीर्थ स्थानों का माहात्म्य प्रवासी पक्षियों के कलरव से मुखरित प्रकृति की विविध छटाएँ यहाँ के परिवेश को विलक्षण स्वरूप देती हैं। इस पवित्र पौराणिक योगनगरी ऋषिकेश में स्थित श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश में आप सब का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए मुझे अतीव प्रसन्नता हो रही है। श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के पंचम दीक्षांत समारोह में छात्र.छात्राओं को उपाधि प्राप्त करते देखकर मेरा मन अत्यंत प्रफुल्लित है। मुझे यह देखकर प्रसन्नता हो रही है कि यह विश्वविद्यालय और विशेष कर पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर लगातार प्रगति कर रहा है। मेरी अभिलाषा है कि यह विश्वविद्यालय केवल शिक्षण कार्य के लिए ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक शोध के केंद्र के रूप में जाना जाए। इसमें समाज की आवश्यकताओं के अनुकूल कार्य हों। गुरूजन उन विभिन्न विषयों की शिक्षा देने का प्रयत्न करें जो व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए आवश्यक हैं। हमें उत्तराखण्ड की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक कौशल तथा ज्ञान संपन्न स्नातक तैयार करने हैं। आज हमारे देश में गरीबी सामाजिक.आर्थिक असमानताए बेरोजगारी स्वास्थ्य स्वच्छता आदि चुनौतियां हैं। इन समस्याओं को दूर करने में सक्षम स्नातकों को उत्पन्न करना श्री देव सुमन विश्वविद्यालय का मुख्य ध्येय होना चाहिए। तभी हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विकसित भारत के स्वप्न को साकार होते देख पाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथए हमारे जो विद्यार्थी आज इस विश्वविद्यालय से उपाधि प्राप्त करके जा रहे हैं उनके तथा उनके संरक्षकए माता.पिता को हार्दिक बधाई देता हूँ तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एन के जोशी जी ने अतिथियों का स्वागत एवं विश्वविद्यालय की उपलब्धियां प्रस्तुत करते हुए कहा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पंचम दीक्षान्त समारोह के अवसर पर सभी उपाधि धारको ं एवं पदक धारकों को मैं अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई देता हूँ। ज्ञान.विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में हमारे राष्ट्र की विश्व में विशिष्ट पहचान रही है। श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय वर्ष 2012 में अपनी स्थापना के बाद से ही श्रेष्ठतम शिक्षा के साथ.साथ भारतीय संस्कृति के प्रचार और प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है।! विश्वविद्यालय के अकादमिक व प्रशासनिक कार्याें में पारदर्शिता लाने एवं जवाबदेही तय करने के लिए श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय मुख्यालय द्वारा ई0आर0पी0 पोर्टल तैयार कर समस्त कार्याें को डिजिटाइज किया जा चुका है। विश्वविद्यालय मे रोजगारपरक व्यावसायिक पाठ्यक्रमो बी0बी0ए0, बी0 सी0 ए0 तथा एम0एस0सी0 माइक्रोबायोलॉजी इत्यादि को ऋषिकेश परिसर में सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। विश्वविद्यालय मुख्यालय में भी बी0सी0ए0 कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है। आगामी सत्रों से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस रोबोटिक्सए ड्रोन टैक्नॉलोजी साइबर सिक्योरिटीए डाटा साइंसए एनीमेशनए डिजिटल मार्केटिंग जैसे समसामयिक विषय संचालित करने की योजना है। विश्वविद्यालय द्वारा परिसर में उत्तराखंड सरकार के सौजन्य से को देवभूमि उद्यमिता केन्द्र की स्थापना की गयी है। यह उद्यमिता क्षेत्र में विद्यार्थियो पोषित करने की योजना जिसमें 06 बूट कैम्प सफलतापूर्वक संचालित किये जा चुके हैं। भारतीय ज्ञान परम्परा उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना विश्वविद्यालय द्वारा ऋषिकेश परिसर मे की गयी गई है। विश्वविद्यालय मुख्यालय व ऋषिकेश परिसर मे शैक्षणिक व प्रशासनिक भवन व अन्य निर्माणाधीन कार्य शीघ्रता से गतिमान हैं। विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर के ऑडिटोरियम का निर्माण कार्य विगत वर्ष पूर्ण हो चुका है। विद्यार्थियो के लिए परीक्षा हॉल का निर्माण कार्यए विज्ञान संकाय ब्लॉक एवं गैस्ट हाउस का कार्य निर्माणाधीन है। सम्पूर्ण परिसर के नवीनीकरण का कार्य प्रगति पर है। विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यो द्वारा विगत सत्र में 196 शोध.पत्र प्रकाशित किये गये हैं। 10 पुस्तकें प्रकाशित की गयी हैं तथा 29 पुस्तक.अध्याय प्रकाशित किये गये संकाय.सदस्यों द्वारा इस प्रकार के 32 कार्यक्रम विगत सत्र में आयोजित किये गये तथा इस प्रकार के 145 कार्यक्रमों मे प्रतिभाग किया गया। विश्वविद्यालय ने 24 पेटेंट फाइल किये जिसमें से 20 पेटेंट प्रकाशित हो चुके हैं एवं 4 पेटेंट ग्रांटेड हो चुके है हमने प्रत्येक क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है। मुझे यह बताते हुए अपार हर्ष है कि विश्वविद्यालय के कलाए वाणिज्य और विज्ञान तीन संकायो ं ने अपने स्वंय के जर्नल्स का प्रकाशन आरम्भ कर दिया है। । विश्वविद्यालय ने बहुत से विशिष्ट एवं ख्याति प्राप्त संस्थानों के साथ एम0ओ0यू0 करके अनुसंधान और विनिमय कार्यक्रमों के लिए सहयोग की दिशा में पहल की है। विश्वविद्यालय ने यूकॉस्ट यूसर्क एम्स ऋषिकेश डी0एन0ए0लैब्स देहरादून सोसाइटी ऑफ पोल्यूशन एडं इन्वायरमेन्टल कर्न्जवेन्शन साइंटिस्ट ;स्पैक्स के साथ विभिन्न एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर किये हैं इस दीक्षांत समारोह में शैक्षणिक सत्र 2022.23 के पारम्परिक एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के स्नातक एवं परास्नातक कक्षाओ के कुल 21230 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की जा रही है तथा स्नातक एवं परास्नातक कक्षाओ में उच्चतम अंक पाने वाले 81 विद्यार्थियों को स्वर्णपदक प्रदान किये जा रहे है आपके प्रत्येक कार्य से समाज और राष्ट्र प्रभावित होता है। मेरा पूरा विश्वास है कि आप समाज और राष्ट्र की सभी अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे। इस दीक्षांत समारोह को भव्य और सफल बनाने में विश्वविद्यालय परिवार के हर सदस्य ने सक्रिय रूप से अपनी भूमिका का निर्वहन किया है। उन्होने प्रत्येक सदस्य जिन्होने प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप मे इस पूरे समारोह को गरिमा प्रदान कीए वे सभी बधाई व साधुवाद के पात्र हैं।
इस अवसर पर विज्ञान संकाय अध्यक्ष प्रो गुलशन कुमार ढींगरा कला संकाय अध्यक्ष प्रो दिनेश चंद्र गोस्वामी प्रो शांति प्रकाश सती प्रो मनोज यादव प्रो देवमणि त्रिपाठी प्रो अनीता तोमर प्रो संगीता मिश्रा प्रो डी के पी चौधरी प्रो पुष्पांजलि आर्य प्रो हेमंत शुक्ला प्रो पूनम पाठक डॉ शिखा डॉ अटल बिहारी त्रिपाठी डॉ पुष्कर आदि उपस्थित रहे