स्वच्छता में उत्तराखंड के 87 शहरों को जीरो नंबर, एसडीसी फाउंडेशन ने जारी की रिपोर्ट

News Desk
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01 लाख से कम आबादी वाले 80 प्रतिशत शहर उत्तर भारत में निचले पायदान पर, फाउंडेशन ने कचरा प्रबंधन आयोग के गठन समेत दिए 10 सुझाव

राजधानी देहरादून समेत उत्तराखंड के तमाम शहर (नगर निकाय) स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 की दहलीज पर खड़े हो चुके हैं। भविष्य के परिणाम से पहले यह जानना भी जरूरी है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में हमारे शहर कहां खड़े थे। बेशक कुछ अवार्ड झटककर शहरी विकास विभाग ने आंकड़ों की गुलाबी तस्वीर पेश की। लेकिन, सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज (एसडीसी) फाउंडेशन ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के आंकड़ों का गहन विश्लेषण कर स्वच्छता के मोर्चे पर हकीकत का धरातल दिखाया है। जिसमें कहा गया कि उत्तर भारत के नगर निकायों को चार हिस्सों में बांटा जाए तो उत्तराखंड के 01 लाख से कम आबादी वाले 80 निकाय 80 प्रतिशत सबसे गंदे यानि सबसे निचले (एक चौथाई) शहरी निकायों में दर्ज होंगे।शुक्रवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने रिपोर्ट को जारी किया। उन्होंने कहा कि गार्बेज फ्री सिटी चैलेंज में उत्तराखंड के 88 शहरी निकायों मे 87 को शून्य अंक मिले हैं। इस श्रेणी में सर्वाधिक 1375 नंबर प्राप्त किये जा सकते थे। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में लगभग हर श्रेणी में उत्तराखंड के नगर निकायों का स्वच्छता को लेकर प्रदर्शन निराशाजनक और चिंतनीय रहा है। उत्तराखंड को साफ सुथरा राज्य बनाने के विज़न को साकार करने के लिए व्यापक स्तर पर नए सिरे से संघटित होकर मिशन मोड पर काम करना पड़ेगा। रिपोर्ट जारी करते हुए एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा की रिपोर्ट एक ओर जहां राज्य में सफाई व्यवस्था में बरती जाने वाली व्यापक लापरवाही को सामने लाती है, वहीं दूसरी ओर मौजूदा स्थिति में बड़े सुधार लाने के लिए 10 सुझाव भी दिये गये हैं। एसडीसी फाउंडेशन ने पिछले वर्षों में भी उत्तराखंड में स्वच्छ सर्वेक्षण पर रिपोर्ट जारी की हैं।01 से 10 लाख तक की आबादी में रुद्रपुर सबसे पिछड़ाहालिया रिपोर्ट कहती है कि 2023 के स्वच्छ सर्वेक्षण में 1 लाख से 10 लाख आबादी वाले देशभर के 446 शहरों को शामिल किया गया था। इनमें उत्तराखंड के 8 शहर थे। इनमें से देहरादून ही एक मात्र ऐसा शहर है जो देश के 100 सबसे ज्यादा साफ-सुथरे शहरों में नाम दर्ज करवा पाया है। देहरादून इस सर्वेक्षण में 68वें स्थान पर है। बाकी 7 शहरों का प्रदर्शन औसत से खराब रहा है। रुद्रपुर को इस सूची में उत्तराखंड में सबसे पीछे 417वां स्थान मिला है।01 लाख से कम आबादी में राज्य के 80 शहर उत्तर भारत में सबसे पीछेरिपोर्ट के अनुसार 1 लाख से कम आबादी वाले उत्तराखंड के 80 शहरी निकाय स्वच्छ सर्वेक्षण का हिस्सा थे। इनमें से 64 यानी 80 प्रतिशत शहरी निकाय उत्तर भारत के सबसे गंदे, एक चौथाई नगर निकायों में शामिल हैं।50 हजार से 1 लाख आबादी में भी प्रदर्शन खराब50 हजार से 1 लाख की आबादी वाले उत्तर भारत के 98 नगर निकाय स्वच्छ सर्वेक्षण में शामिल किये गये थे। इनमें राज्य के 6 नगर निकाय शामिल थे। सभी 6 नगर निकाय सबसे गंदे एक चौथाई शहरों में शामिल हैं। सबसे अफसोसजनक ये है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र खटीमा इस श्रेणी में 98वें रैंक के साथ उत्तर भारत का सबसे गंदा शहर उभर कर सामने आया है।

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