Uttarakhand Nikay Chunav: परिणाम की हर दो घंटे में ऑनलाइन मिलेगी जानकारी, एनआइसी से चल रही बात

राजनीति राज्य

Uttarakhand Nikay Chunav लोकसभा और विधानसभा चुनावों की भांति इस बार नगर निकाय चुनाव की मतगणना के परिणाम की जानकारी हर दो घंटे में ऑनलाइन मिल सकेगी। एनआइसी के माध्यम से यह व्यवस्था अमल में लाने के दृष्टिगत कसरत चल रही है। वहीं निकायों की मतदाता सूची को पहली बार डिजिटल किया गया है। आयोग की वेबसाइट पर मतदाता सूची को लोग देख सकते हैं।

  1. राज्य निर्वाचन आयोग की इस सिलसिले में एनआइसी से चल रही बातचीत
  2. आयोग ने डिजिटाइजेशन की दिशा में कदम बढ़ाए

देहरादून। Uttarakhand Nikay Chunav: लोकसभा और विधानसभा चुनावों की भांति इस बार नगर निकाय चुनाव की मतगणना के परिणाम की जानकारी हर दो घंटे में ऑनलाइन मिल सकेगी। एनआइसी (नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर) के माध्यम से राज्य निर्वाचन आयोग इसकी पहल करने जा रहा है। इसका प्रारूप क्या होगा, इसे लेकर जल्द ही तस्वीर साफ होगी।

प्रदेश में नगर निकाय और पंचायत चुनाव का जिम्मा राज्य निर्वाचन आयोग के पास है। निकाय चुनावों के दृष्टिगत आयोग ने इस बार कुछ नई पहल की हैं। उम्मीदवारों के लिए चुनाव खर्च की सीमा बढ़ाई गई है तो इस पर निगरानी के लिए प्रभावी तंत्र भी बनाया गया है। पहली बार निकाय स्तर पर पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे। इसके साथ ही आयोग ने डिजिटाइजेशन की दिशा में भी कदम बढ़ाए हैं।

मतदाता सूची को पहली बार डिजिटल किया

निकायों की मतदाता सूची को पहली बार डिजिटल किया गया है। आयोग की वेबसाइट पर मतदाता सूची को लोग देख सकते हैं। इसके अलावा चुनाव ड्यूटी में लगने वाले कार्मिकों को भी डिजिटल मोड में लाया गया है। इसी क्रम में आयोग अब निकाय चुनाव परिणाम की जानकारी ऑनलाइन करने की तैयारी में है।

एनआइसी के माध्यम से यह व्यवस्था अमल में लाने के दृष्टिगत कसरत चल रही है। आयोग का प्रयास है कि निकायों के तीनों स्तर के लिए यह व्यवस्था हो। कहीं, यदि कोई अड़चन आती है तो फिर 11 नगर निगमों में इसे लागू किया जाएगा। इससे प्रत्येक दो घंटे में मतगणना के परिणाम की जानकारी आयोग की वेबसाइट अथवा एप के माध्यम से आमजन को मिल सकेगी।

निकाय चुनाव की मतगणना के परिणाम की जानकारी आमजन तक आसानी से सुलभ हो, इसी के दृष्टिगत इसे ऑनलाइन मोड में लाने की तैयारी है। यह व्यवस्था एनआइसी के माध्यम से कराई जाएगी, इसके लिए बातचीत चल रही है।- सुशील कुमार, राज्य निर्वाचन आयुक्त

चुनाव में हो रही देरी लंबे समय से चर्चा का विषय थी

निकाय चुनाव में हो रही देरी लंबे समय से चर्चा का विषय बनी हुई थी। अब जबकि चुनाव की प्रक्रिया निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है तो राजनीतिक दलों ने भी अपनी तैयारियों को लगभग अंतिम रूप दे दिया है। इसके साथ ही निकायों में महापौर, अध्यक्ष और पार्षद, सभासद का चुनाव लडऩे के इच्छुक पार्टी कार्यकर्ता भी आरक्षण तय होने के बाद टिकट के लिए जी-तोड़ कोशिशों में जुट गए हैं। यद्यपि, आरक्षण निर्धारण होने के बाद कई दावेदारों के अरमानों पर पानी फिरा है, लेकिन अन्य दावेदारों की फौज भी कम नहीं है।दोनों ही प्रमुख दलों भाजपा व कांग्रेस में निकाय चुनाव के लिए दावेदारों के नाम जिस तरह से उभरकर आ रहे हैं, उससे पार्टियों के नेतृत्व की पेशानी पर बल भी पडऩे लगे हैं। नगर निगमों में महापौर पदों की बात करें तो दोनों दलों में अनारक्षित सीटों पर खींचतान सबसे अधिक है।

आरक्षित सीटों में यह अपेक्षाकृत कम है। दावेदारों ने टिकट पाने के दृष्टिगत अपने आकाओं से निरंतर संपर्क साधने का क्रम शनिवार से तेज किया है। सभी की चाह है कि बस इस बार उन्हें अवसर मिल जाए। टिकट किसे मिलता है और किसे नहीं, इसे लेकर आने वाले दिनों में तस्वीर साफ हो जाएगी, लेकिन तब तक दावेदारों की धड़कनें तो बढ़ी ही रहेंगी।

निकाय चुनाव के लिए भाजपा अपनी रणनीति तय कर चुकी है। अब प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। एक-दो दिन में पर्यवेक्षक सभी निकायों में भेजे जाएंगे, जो निकायवार दावेदारों के नाम के पैनल तैयार कर प्रांतीय नेतृत्व को सौंपेंगे। सभी पहलुओं पर गौर कर प्रदेश चुनाव संचालन समिति प्रत्याशियों के नाम फाइनल करेगी। -आदित्य कोठारी, प्रदेश महामंत्री भाजपा

राज्य में जैसा परिदृश्य है, उसमें इस बार निकाय चुनाव में कांग्रेस अच्छी सीटें जीतेगी। निकाय चुनाव में प्रत्याशी चयन के लिए जिलों में भेजे गए सभी प्रभारियों से कहा गया है कि वे पैनल तैयार कर 22 से 25 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंप दें। रिपोर्ट मिलने के बाद प्रत्याशियों के नाम तय किए जाएंगे। -मथुरा दत्त जोशी, प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन, प्रदेश कांग्रेस कमेटी

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