नए साल के पहले दिन उत्‍तराखंड के मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब, पर्यटन स्थलों में भी रही चहल-पहल

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New Year 2025 नववर्ष 2025 की शुरुआत उत्तराखंड में धूमधाम से मनाई गई। जागेश्वर धाम चितई मंदिर कसारदेवी मंदिर समेत कई मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। नववर्ष 2025 में सुख समृद्धि वैभव तथा स्वस्थ जीवन की कामना करते हुए श्रद्धालुओं ने बागनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। लोगों ने पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। पर्यटन स्थलों में भी चहल-पहल देखने को मिली।

  1. उत्‍तराखंड के मंदिरों में भीड़
  2. पूजा अर्चना कर खुशहाली की कामना

अल्मोड़ा। New Year 2025: नववर्ष के पहले दिन जागेश्वर धाम समेत मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। मंदिरों में सुबह से लोग पूजा अर्चना को पहुंचे। पर्यटन स्थलों में भी चहल पहल देखने को मिली। जबकि साल के पहले दिन मौसम साफ होने से लोगों ने इसका भरपूर आनंद लिया।

साल 2024 को विदाई देने के बाद नए साल के पहले दिन बुधवार को शिव की नगरी जागेश्वर धाम, विश्व प्रसिद्ध चितई मंदिर, कसारदेवी समेत अन्य मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की सुबह से लंबी लाइन देखने को मिली। श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते पूजा अर्चना को भी बारी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा।

जबकि नगर के नंदा देवी, रघुनाथ मंदिर, त्रिपुरा मंदिर, मुरलीमनोहर, बद्रेश्वर, देवी मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भी पूजा अर्चना के लिए लोगों की भीड़ लगी रही। लोगों ने मंदिरों में पूजा पाठ कर परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। इसके अलावा नए साल के पहले दिन पर्यटन स्थलों में भी भीड़भाड़ देखने को मिली।

जागेश्वर धाम में उमड़े श्रद्धालु

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौर के बाद जागेश्वर धाम में लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। बुधवार को नए साल के पहले दिन भी यहां स्थानीय समेत बाहर से पहुंचे पर्यटक बाबा के दर्शन को उमड़ पड़े। जागेश्वर धाम में ठंड के बीच भक्तों की लंबी कतार देखने को मिली। हालांकि मंदिर प्रबंधन समिति ने ठंड से बचाव के लिए अलाव की व्यवस्था की थी। जिससे मंदिर दर्शन को पहुंचे श्रद्धालुओं को राहत मिली।

अल्मोड़ा में उत्साह से किया नए साल का स्वागत

अल्मोड़ा: जिले भर में नए साल का जश्न उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। इस दौरान लोगों ने एक दूसरे को बधाई देकर नए साल का स्वागत किया। वहीं साल 2024 को विदाई देने देर रात तक जगह-जगह जश्न का माहौल रहा। जबकि मौसम साफ होने पर बुधवार की बिनसर पहुंचे पर्यटकों ने सूर्योदय का आनंद लिया और हिमालय की लंबी हिम श्रृंखलाओं को निहारा।

नव वर्ष पर मंदिरों में श्रद्धा का तांता, सुख, समृद्धि की मांगी मन्नत

बागेश्वर : नववर्ष 2025 में सुख, समृद्धि, वैभव तथा स्वस्थ जीवन की कामना करते हुए श्रद्धालुओं ने बागनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके अलावा जिले के अन्य मंदिरों में भी सुबह से भक्तों का तांता लगा रहा। भक्ति के सामने सुबह की ठिठुरन भरी ठंड मंद पड़ गई। नए वर्ष का लोगों ने पूरे उत्साह के साथ स्वागत किया।लोग सुबह घरों से उठे और गंगा स्नान आदि किया। उसके बाद सीधे मंदिरों का रुख किया। ठिठुरन भरी ठंड की भी भक्तों को परवाह नहीं रही। सरयू, गोमती तथा विलुप्त सरस्वती के संगम पर बसा बागनाथ मंदिर में भक्तों का सुबह से तांता लगा रहा। इसके अलावा पर्यटकों ने भी बागनाथ भगवान के दर्शन किए।उन्होंने बागनाथ के अलावा कालभैरव मंदिर, वाणेश्वर मंदिर, चंडिका, नीलेश्वर आदि मंदिरों की परिक्रमा भी की और सुख, समृद्धि, वैभव, स्वस्थ जीवन की कामना की। उधर, कपकोट, गरुड़, कांडा, काफलीगैर, दुगनाकुरी, शामा आदि तहसील क्षेत्रों में भी लोगों ने देव मंदिरों का रुख किया।मंदिरों में प्रसाद वितरित किया गया और घरों में मीठे पकवान बनाए। इधर, पंडित मोहन चंद्र लोहनी ने कहा कि नए वर्ष में बेहतर सोच के साथ काम करने की जरूरत है। यह साल गत वर्ष से बेहतर रहने की उम्मीद है। अनुशासन, योग, ध्यान और नियमित दिनचर्या से जीवन संवरेगा। सुबह जल्दी उठना और गरम पानी पीने से भी असाध्य रोगों का नाश हो सकता है।

नए साल के पहले दिन किया पौधारोपण, निशुल्क पौधे बांटे

गरुड़ : तहसील के सीमा गांव निवासी वाटर हीरोज व वृक्षप्रेमी दिनेश लोहनी ने नववर्ष के पहले दिन वन पंचायत सीमा में तेज पत्ते का पौधारोपण किया। उन्होंने इस मौके पर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाया।साल के पहले दिन पौधारोपण करते हुए वृक्षप्रेमी दिनेश लोहनी ने कहा कि आज ग्लोबल वार्मिंग की समस्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। समय पर वर्षा नहीं हो रही है। यह सब प्रकृति के साथ मनुष्य की छेड़छाड़ का ही परिणाम है। उन्होंने कहा कि यदि हमें स्वच्छ हवा व शुद्ध पानी चाहिए, तो हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने होंगे और उनका संरक्षण करना होगा।उन्होंने कहा कि रोपित पौधों को लोग अपनी संतान की तरह पालें, एक पौधे के पेड़ बनने तक उसका संरक्षण करें, तभी पौधारोपण की सार्थकता है। इस मौके पर शीतकालीन पौधे आडू, अखरोट, काकू, पदम आदि प्रजाति के पौधे रोपे गए। उन्होंने गरुड़ बाजार, मटेना, सीमा, लौबांज आदि गांवों में जाकर लोगों को निःशुल्क पौधे वितरित किए। इस दौरान देवकी देवी, पुष्पा देवी, नीमा बड़सीला,कमला देवी, भावना देवी आदि उपस्थित थे।

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