Uniform Civil Code प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू हो चुकी है। इसमें लिव इन में रहने वालों के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। लिव इन रिलेशनशिप के पंजीकरण के लिए धर्म गुरु के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। केवल प्रतिषिद्ध रिश्तों वाले मामलों में ही यह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। सामान्य तौर पर उत्तराखंड में ऐसे रिश्तों में विवाह करने वाले लोग बहुत कम हैं।

- केवल प्रतिषिद्ध रिश्तों वाले मामलों में प्रस्तुत करना होगा प्रमाणपत्र
- धर्म गुरुओं के प्रमाण पत्र वाले प्रारूप में भी किया गया है स्पष्ट
देहरादून। Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता के अंतर्गत लिव इन रिलेशन के हर पंजीकरण पर धर्म गुरु के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी।
ऐसा केवल उन मामलों में करना होगा, जिसमें लिव इन में पंजीकरण चाहने वाले जोड़ों के बीच कोई पूर्व का रिश्ता हो और वह रिश्ता उस श्रेणी में आता हो, जिनके बीच विवाह प्रतिषिद्ध है।
ऐसे रिश्तों को संहिता की प्रथम अनुसूची की सूची एक में रखा गया है। सामान्य तौर पर उत्तराखंड में इस तरह के रिश्तों मे विवाह करने वाले लोग बहुत कम हैं। धर्म गुरुओं द्वारा जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्र के प्रारूप में भी इसका स्पष्ट जिक्र किया गया है।