हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल (केंद्रीय) विश्वविद्यालय के स्वामी रामतीर्थ परिसर बादशाही थौल टिहरी के शिक्षा विभाग ने पर्यावरण संरक्षण हेतु (एक पेड़ एक प्रशिणार्थी) एक महत्वाकांक्षी योजना का एक सत्र पूर्ण हुआ।*

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हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल (केंद्रीय) विश्वविद्यालय के स्वामी रामतीर्थ परिसर बादशाही थौल टिहरी के शिक्षा विभाग ने पर्यावरण संरक्षण के लिए (एक प्रशिणार्थी एक पेड़) असाइनमेंट योजना शुरू की है, जिसमें बी.एड़. प्रशिणार्थी जब अपने चार माह की इंटर्नशिप में गया। प्रशिक्षण के प्रथम दिवस एक पौधे का रोपण किया और प्रत्येक दिन सर्वप्रथम विद्यालय में पहुंचकर पौधे को पानी दिया और उसकी निराईगुड़ाई की तथा प्रशिक्षण पूरा हो जाने पर उसकी वृद्धि की एक रिपोर्ट बनाई और विभाग में जमा की जो उसके आंतरिक मूल्यांकन का भाग है। इसी क्रम में अगले वर्ष प्रशिक्षण में जानेवाले प्रशिक्षणार्थी एक नया पेड़ रोपेगा और पिछले पेड़ की भी देखभाल करेगा। परिसर निदेशक प्रो. ए.ए.बौड़ाई ने शिक्षा विभाग को इस योजना को आरम्भ करने के लिए बधाई दी और कहा शिक्षा विभाग के द्वारा इस प्रकार की योजना का शुभारम्भ करना पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से बहुत अच्छा प्रयास है जिसकी सराहना की जानी चाहिए। पर्यावरण को बचाने के लिए हमें सामुहिक रूप से प्रयास करने होंगे तभी जीवन सुरक्षित रह सकता है। विश्वविद्यालय की प्रमुख प्रो. सुनीता गोदियाल ने बताया कि पिछले कुछ सालों में हमारे पर्यावरण में बहुत भारी परिवर्तन हुआ है जो धरती पर रहने वाले प्राणियों के लिए अच्छा संकेत नहीं है यदि हमें धरती पर प्राण की रक्षा करनी है तो प्रत्येक व्यक्ति को अपने-अपने स्तर से पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रयास करना होगा तभी हम धरती पर प्राण की रक्षा कर पायेंगे। डॉ. मनोज नौटियाल ने बताया कि हम विश्व पर्यावरण दिवस, हरेला पर्व व बरसात के मौसम में बड़ी मात्रा में पौधरोपण करते हैं लेकिन उन पौधों की प्रतिदिन देखभाल न होने के कारण वे पौधे कम संरक्षित रह पाते हैं। इसलिए हमने इस योजना को लागू किया है और आगे चलकर हम प्रवेश के दौरान ही एक प्रशिणार्थी एक पेड़ योजना को लागू करेंगे और उसके बाद प्रत्येक सेमेस्टर में एक पेड़ योजना का विस्तार करेंगे तथा आगे चलकर हमारे विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सभी महाविद्यालयों में इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए प्रेरित करेंगे व पाठ्यक्रम का भाग बनाने का भी प्रयास करेंगे। डॉ. नीरज जोशी, डॉ. सुमनलता, डॉ. देवम् एम. डॉ. हेमराज, डॉ. अखिलेश गौतम, डॉ. अरविन्द कुमार, कृष्णा, अंजली, कृष्ण मोहन, अपार बैंजोला, शिवानी नेगी, गौरव तड़ियाल व शैलेन्द्री चमोली ने इस योजना को प्रेरणादायी बताया।

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