देहरादून में महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए पिंक टॉयलेट बनाए जाएंगे। जिला प्रशासन ने शहर के विभिन्न हिस्सों में 1.60 करोड़ रुपये की लागत से सात पिंक टॉयलेट बनाने का प्रस्ताव तैयार किया था जिसे शासन ने स्वीकृति दे दी है। इन टॉयलेट्स के निर्माण से महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर शौचालय की सुविधा मिलेगी और उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी

- शहर को सुविधा संपन्न बनाने में रंग ला रहा डीएम का प्रयास
- अब पिंक टायलेट के प्रस्ताव को शासन की मिली मंजूरी
संवाददाता, देहरादून।
: शहर को सुविधा संपन्न बनाने और नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए जिलाधिकारी निरंतर प्रयास कर रहे हैं। खासकर महिला सुरक्षा और शहर को महिला फ्रेंडली बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
इस संबंध में जिला प्रशासन ने शहर के विभिन्न हिस्सों में पिंक टायलेट बनाने का जो प्रस्ताव तैयार किया था, उसे शासन ने स्वीकृति दे दी है। जिसके अंतर्गत 1.60 करोड़ रुपये से पिंक के साथ ही अन्य शौचालयों का निर्माण किया जाएगा।
डीएम ने शहर का भ्रमण कर लिया नागरिक सुविधाओं का जायजा
जिलाधिकारी सविन बंसल ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह के साथ दो बार शहर का भ्रमण कर नागरिक सुविधाओं का जायजा लिया था। उन्होंने पाया था कि महिला शौचालयों की दिशा में काफी कुछ किया जाना बाकी है, क्योंकि बाजार क्षेत्र में शौचालयों के अभाव में महिलाओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
पिंक के साथ ही सामान्य शौचालय बनाने का प्रस्ताव किया गया तैयार
इसके बाद शहर के अलग-अलग हिस्सों में पिंक के साथ ही सामान्य शौचालय बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया। इस प्रस्ताव को सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने पास कर दिया है। 1.6 करोड़ रुपये से कुल सात शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि शौचालयों का निर्माण इसी माह शुरू कर दिया जाएगा।
यहां बनाए जाएंगे शौचालय
| स्थल | बजट (रुपये में) |
| रमेश बुक डिपो कोतवाली के पास | 19.22 लाख |
| डिस्पेंसरी रोड पार्किंग | 25.55 लाख |
| राजा रोड-2 | 4.13 लाख |
| गेलार्ड शूज के पास | 4.13 लाख |
| राजीव गांधी कांप्लेक्स के पास | 22.77 लाख |
| तहसील चौक पार्किंग | 51.70 लाख |
महिलाओं को होती है परेशानी
दून में सार्वजनिक सुलभ शौचालय तो हैं, लेकिन महिलाओं के लिए अलग शौचालय का अभाव है। महिला-पुरुषों को एक ही शौचालय में जाना पड़ता है। हालांकि, यहां महिलाओं के लिए अलग व्यवस्था होती है, लेकिन प्रवेश द्वार एक ही होने से महिलाएं ऐसे शौचालयों में जाने से हिचकिचाती हैं। साथ ही ऐसे शौचालयों में महिलाओं की सुरक्षा भी सवालों के घेरे में रहती है। इसी बात को ध्यान में रखते पिंक टायलेट बनाए जा रहे हैं।


