Excise Revenue उत्तराखंड में शराब के ठेकों की संख्या कम होने के बावजूद आबकारी राजस्व में राज्य देश में अव्वल है। प्रति व्यक्ति आबकारी राजस्व में उत्तराखंड का औसत 4217 रुपये है जो पड़ोसी राज्यों से काफी अधिक है। शराब की न्यूनतम खपत और अधिकतम राजस्व के मंत्र के साथ राज्य शराब से अधिक से अधिक लाभ कमाने का प्रयास कर रहा है।

- शराब के ठेकों की संख्या सबसे कम होने के बाद भी प्रति व्यक्ति औसत राजस्व में उत्तर प्रदेश, हिमाचल और दिल्ली से आगे उत्तराखंड
- शराब से अधिक से अधिक राजस्व निचोड़ने का प्रयास कर रही सरकारी मशीनरी
- सरकार ने 2025-26 के लिए 5060 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य रखा
देहरादून। Excise Revenue: शराब के ठेकों की संख्या दूसरे राज्यों से कम होने के बाद भी राजस्व के मामले में उत्तराखंड आगे हैं। राज्य में आबकारी के राजस्व में प्रति व्यक्ति का औसत योगदान 4217 रुपये है। यह आंकड़ा पड़ोसी प्रदेश हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश के साथ ही हरियाणा और दिल्ली से कहीं अधिक है।
उत्तराखंड सरकार ने अप्रैल 2025 से शुरू होने वाले नए वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग का राजस्व लक्ष्य 5060 करोड़ रुपए तय किया है। सरकारी मशीनरी शराब से अधिक से अधिक राजस्व निचोड़ने का प्रयास कर रही है। हालांकि, दूसरी तरफ शराब के ठेकों में बढ़ोतरी न करने के साथ ही स्टाक में भी खास बढ़ोतरी न करने का निर्णय लिया गया है। सरकार ने मंत्र दिया है कि शराब की न्यूनतम खपत और राजस्व अधिकतम।
उत्तराखंड की आबकारी करीब 1.20 करोड़ रुपए
इस लिहाज से शराब से प्राप्त किए जाने वाले राजस्व और जनसंख्या के हिसाब से भी आकलन किया गया है। साथ ही उसकी तुलना आदेश प्रदेशों से भी की गई है। आबकारी विभाग ने उत्तराखंड की आबकारी करीब 1.20 करोड़ रुपए मानते हुए बताया है कि प्रति व्यक्ति औसतन 4217 रुपए का राजस्व मिल रहा है।
वहीं, उत्तराखंड में 647 के करीब शराब ठेके हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश में यह संख्या 1800 के करीब है। प्रति व्यक्ति आबकारी के राजस्व में उत्तराखंड से कोसों पीछे उत्तर प्रदेश में कई अधिक 28 हजार के करीब शराब ठेके हैं।
उत्तराखंड के राजस्व की तुलना में उत्तर प्रदेश का लक्ष्य 01 लाख करोड़ होगा
यदि उत्तराखंड की जनसंख्या और आबकारी राजस्व की तुलना उत्तर प्रदेश की जनसंख्या और राजस्व के हिसाब से की जाए तो वहां का राजस्व लक्ष्य 01 लाख करोड़ रुपए होना चाहिए। हालांकि, वहां का लक्ष्य इस आंकड़े के करीब आधा ही है।
जनसंख्या और राजस्व का तुलनात्मक अध्ययन
- राजस्व, जनसंख्या, राजस्व, प्रति व्यक्ति औसत राजस्व
- उत्तराखंड, 1.20 करोड़, 5060 करोड़, 4217 रु.
- उत्तर प्रदेश, 25.70 करोड़, 58310 करोड़, 2269 रु.
- हरियाणा, 2.53 करोड़, 95278 करोड़, 3765 रु.
- हिमाचल प्रदेश, 0.75 लाख, 2271 करोड़, 2988 रु.
- दिल्ली, 3.29 करोड़, 6061 करोड़, 1842 करोड़
उत्तराखंड से शराब की 10 लाख पेटियों का निर्यात, विदेश तक पहुंच
उत्तराखंड की आबकारी नीति में शराब व्यवसाय से रोजगार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से साधन बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं। साथ ही यहां की डिस्टिलरियो और बाइनरी के उत्पादों को प्रदेश और देश से बाहर भी बाजार उपलब्ध कराने को प्रोत्साहित किया जा रहा है।आबकारी विभाग के फरवरी 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार उत्तराखंड से शराब की 10 लाख से अधिक पेटियों का निर्यात किया गया है।
आबकारी आयुक्त एचसी सेमवाल के अनुसार राज्य से दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, पुडुचेरी के साथ ही देश से बाहर अमेरिका, दुबई और घाना तक भी शराब का निर्यात किया गया है। प्रदेश से बाहर शराब की बिक्री की स्थिति प्रतिष्ठान, शराब का निर्यात (पेटी में) आइजीएल काशीपुर, 493140 रेडिको खेतान, 296951 पेटी किमाया हिमालयन ब्रेवरेज हरिद्वार, 188000 (बीयर पेटी) किमाया हिमालयन ब्रेवरेज हरिद्वार, 18 हजार (पेटी) हिमालय वाइन कंपनी ऊधम सिंह नगर, 3398 पेटी