प्रेम, सद्भाव और आस्था के प्रतीक ऐतिहासिक झंडेजी का आरोहण आज; साक्षी बनेंगे लाखों श्रद्धालु

News Desk
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Jhanda Mela देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला शुरू हो रहा है। श्री गुरु राम राय दरबार साहिब में 90 फीट ऊंचे झंडेजी के आरोहण के साथ लाखों श्रद्धालु साक्षी बनेंगे। इस वर्ष पंजाब के राजेंद्र पाल सिंह और सतनाम सिंह को दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य मिला है। मेले का सजीव प्रसारण एलईडी स्क्रीन फेसबुक और यूट्यूब पर किया जाएगा।

  1. दरबार साहिब में छह अप्रैल रामनवमी तक चलने वाला मेला झंडेजी के आरोहण के साथ शुरू
  2. पंजाब के राजेंद्र पाल सिंह व सतनाम सिंह चढ़ाएंगे दर्शनी गिलाफ
  3. दरबार साहिब में लगी एलईडी स्क्रीन, फेसबुक एवं यूट्यूब पर मेले का सजीव प्रसारण

जागरण संवाददाता, देहरादून। प्रेम, सद्भाव और आस्था का प्रतीक देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला श्री गुरु राम राय दरबार साहिब में 90 फीट ऊंचे झंडेजी के आरोहण के साथ आज से शुरू हो जाएगा। झंडेजी को उतारने के बाद पूजा और गिलाफ चढ़ाने की दिनभर चलने वाली प्रक्रिया के बाद शाम दोपहर दो से चार बीच दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज की अगुआई में झंडेजी का आरोहण होगा।

इस वर्ष ग्राम व पोस्ट लधाना जिला चिक्का नवाशहर पंजाब के राजेंद्र पाल सिंह व सतनाम सिंह के परिवार को दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य मिला है। इस पल का साक्षी बनने के लिए देर मंगलवार शाम तक पहुंची देश-विदेश की संगत से दरबार साहिब परिसर पैक हो गया है।

होली के पांचवें दिन चैत्र मास के कृष्ण पंचमी को दरबार साहिब में झंडेजी के आरोहण के साथ मेला शुरू हो जाता है। इस बार छह अप्रैल रामनवमी तक मेला चलेगा। बीते आठ मार्च से धार्मिक आयोजन शुरू हो चुके हैं वहीं 12 मार्च से उत्तराखंड के अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश से संगत के पहुंचने का सिलसिला जारी है।

गूंजते रहे गुरु महाराज के जयकारे

दरबार साहिब परिसार में मंगलवार को भी देर रात तक गुरु महाराज के जयकारे गूंजते रहे। गुरु महिमा के रंग में रंगी संगते श्रद्धा व भक्ति भाव में डूबी रहीं। संगतों ने श्री गुरु राम राय जी महाराज के शबद का सिमरन किया व गुरु महिमा के महत्व को जाना। संगत ने ढोल की थाप पर गुरु महाराज जी के भजन गाए व जमकर नृत्य भी किया।

राजेंद्र पाल सिंह और सतनाम सिंह दर्शनी गिलाफ चढ़ाएंगे

श्री झंडा जी मेला आयोजन समिति के मुख्य व्यवस्थापक मधुसूदन सेमवाल ने बताया कि सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस बार ग्राम व पोस्ट लधाना जिला चिक्का नवाशहर पंजाब के राजेंद्र पाल सिंह व सतनाम सिंह दर्शनी गिलाफ चढ़ाएंगे। उनके दादा ने 100 वर्ष पूर्व यह बुकिंग की थी। परंपरा के अनुसार झंडेजी के आरोहण की पूर्व संध्या पर मंगलवार को पूरब की संगत को पगड़ी, ताबीज व प्रसाद देकर विदाई दी गई। झंडा मेला के लिए दरबार साहिब परिसर में 200 से अधिक दुकानें सज गई हैं।

बताया कि झंडेजी मेले में हर तीन वर्ष में झंडेजी के ध्वजदंड को बदलने की परंपरा रही है। इस बार नए ध्वजदंड के साथ झंडेजी का आरोहण होगा। दरबार साहिब परिसर में पांच एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था की है। एलईडी स्क्रीन, फेसबुक एवं यूट्यूब पर मेले का सजीव प्रसारण किया जाएगा।

अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करने वाला गुरु: श्रीमहंत

दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने पूर्व संध्या पर संगतों को गुरुमंत्र दिया। उन्होंने गुरु महिमा के महत्व को समझाते हुए कहा कि जिस तरह सूर्य की किरणें सभी को समान रूप से प्रकाश और ऊष्मा देती हैं, उसी प्रकार एक आध्यात्मिक गुरु अपनी कृपा और करुणा सभी पर समान रूप से रखते हैं। गुरु यानी जो हमारे अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करते हैं।

आज यह रहेगा कार्यक्रम

सुबह आठ से नौ बजे पुराने झंडेजी को उतारने की प्रक्रिया शुरू होगी। दूध, दही, गंगाजल से नए ध्वजदंड (झंडेजी) को स्नान कराया जाएगा। सुबह 10 बजे से सादे गिलाफ चढ़ाने का कार्यक्रम शुरू होगा। दोपहर एक बजे सनील के गिलाफ चढ़ाए जाएंगे। दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज संगत को आशीर्वाद देंगे, इसके बाद दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाएगा। दोपहर दो से चार बजे श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज झंडेजी के आरोहण कराएंगे। शाम को संगत गुरु महाराज का आशीर्वाद लेकर विदा होगी।

दरबार साहिब परिसर से कल होगी नगर परिक्रमा

श्री झंडा जी मेला आयोजन समिति के मुख्य व्यवस्थापक मधुसूदन सेमवाल ने बताया कि झंडेजी के आरोहण के तीसरे दिन यानी शनिवार को दरबार साहिब के सज्जादानशीन देवेन्द्र दास महाराज की अगुआई में दरबार साहिब परिसर से सुबह साढ़े सात बजे से नगर प्ररिक्रमा शुरू होगी। विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए 12 बजे दरबार साहिब में वापस होगी।

प्राकृतिक रंगों से सजी दीवार, दूधिया रोशनी से नहाया दरबार

दरबार साहिब के द्वार व अन्य दीवारों पर बनाई कलाकृतियों को प्राकृतिक रंगों से सजाया गया है। जो दिखने में खास है। इसके अलावा दरबार साहिब को झालर व लड़ियों से सजाया गया है। देर शाम को पूरा दरबार परिसर दूधिया रोशनी से नहाता नजर आया।

जैविक उत्पादों के स्टाल पर खरीदारी

दरबार साहिब में श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के छात्रों ने जैविक उत्पादों के स्टाल लगाए गए हैैं। इसमें संगतों ने खूब खरीदारी की। संगतों की सेवा के लिए श्रीमहंत इन्दिरेश अस्पताल की चिकित्सकों की टीम भी तैनात है। अस्पताल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी भूपेन्द्र रतूड़ी ने बताया कि रोगियों को निश्शुल्क दवा दी जा रही है। किसी भी तरह की घटना के लिए एंबुलेंस 24 घंटे उपलब्ध है।

स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में 150 यूनिट

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के ब्लड बैंक व श्री महाकाल सेवा समिति की ओर से 17, 18 और 20 मार्च तक स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में अबतक 150 यूनिट रक्तदान हुआ। समिति के अध्यक्ष रोशन राणा ने बताया कि 25वां रक्तदान शिविर में संगत व क्षेत्रवासियों ने उत्साह दिखाया। इस दौरान रक्तदाताओं को श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने आशीर्वाद व सर्टिफिकेट प्रदान किए।

झंडेजी पर तीन तरह के चढ़ते हैं गिलाफ

झंडेजी में तीन तरह के गिलाफ का आवरण होता है। सबसे भीतर 41 सादे गिलाफ, मध्य भाग में 21 शनील के गिलाफ जबकि सबसे बाहरी भाग में एक दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाता है। दर्शनी व शनील गिलाफ चढ़ाने के लिए बुकिंग की भीड़ रहती है। इस बार 16 मार्च से दरबार साहिब में गिलाफ चढ़ाने का सिलसिला शुरू होगा।

दर्शनी गिलाफ के लिए 110 वर्ष बाद आएगा नंबर

दर्शनी गिलाफ की बुकिंग वर्ष 2135 तक के लिए हो चुकी है। अंतिम बुकिंग बीते वर्ष 11 अप्रैल 2024 को हुई थी। जिन्हें दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का मौका 110 वर्ष बाद 2135 में मिलेगा। इसके अलावा शनील गिलाफ 2050 तक बुक हो चुके हैं। अंतिम बुकिंग 17 जनवरी को गई। जो 25 वर्ष के बाद 2050 में शनील गिलाफ चढ़ाएंगे। अभी तक वर्ष 2049 में शनील गिलाफ चढ़ाने के लिए 11 लोगों ने बुकिंग कराई है।

लोक कल्याण के लिए स्थापित किया था विशाल ध्वज

सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हरराय के बड़े पुत्र श्री गुरु राम राय जी महाराज ने वर्ष 1676 में दून में डेरा डाला था। उन्हें ही देहरादून का संस्थापक माना जाता है। उनका जन्म वर्ष 1646 में पंजाब के होशियारपुर जिले के कीरतपुर में होली के पांचवें दिन (चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी को) हुआ था। इसीलिए दरबार साहिब में हर साल इस दिन झंडेजी के आरोहण के साथ मेला लगता है। श्री गुरु राम राय ने ही लोक कल्याण के लिए यहां विशाल ध्वज (झंडेजी) को स्थापित किया था।

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