
तकनीकी शिक्षा सचिव की जांच के दौरान विश्वविद्यालय में सॉफ्टवेयर विकास के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ। इस मामले में अब एक नया मोड़ सामने आया है।
देहरादून: वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (UTU) करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा होने के बाद, अब इस मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, इस मामले में तकनीकी शिक्षा सचिव डॉ. रंजित सिन्हा को रिश्वत का प्रस्ताव दिया गया, सचिव ने विरोध में कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश की है।
Crores of rupees scam in Uttarakhand Technical University
गौरतलब हो कि, हाल ही में तकनीकी शिक्षा सचिव की जांच के दौरान विश्वविद्यालय में सॉफ्टवेयर विकास के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने लखनऊ स्थित एक कंपनी के साथ अनुबंध करके एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ERP) और यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम (UMS) सॉफ्टवेयर का निर्माण कराया। इसके लिए कंपनी को लगभग दो करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। लेकिन शासन की जांच में मामला उजागर होने पर कंपनी द्वारा इस मामले को दबाने के प्रयास किए जा रहे हैं।रिश्वत देने का प्रयास कंपनी के एक प्रतिनिधि ने बीते 4 मार्च को सचिवालय में जाकर सचिव तकनीकी शिक्षा, डॉ. रंजीत सिन्हा से मुलाकात की, और इस मामले को रफा-दफा करने के लिए उनको रिश्वत देने का प्रयास किया. रिश्वत देने का प्रयास करने पर सचिव ने कड़ा विरोध किया और प्रतिनिधि को कार्यालय से बाहर का रास्ता दिखाया।इस मामले के तुरंत बाद सचिव ने कुलसचिव यूटीयू को एक पत्र भेजा, जिसमें उल्लेख किया कि ‘कृपया स्पष्ट करें कि क्या संबंधित व्यक्ति को विश्वविद्यालय की ओर से सचिवालय भेजा गया था। यदि हां, तो इस मामले में अपना स्पष्टीकरण शीघ्र प्रदान करें। यदि नहीं, तो कंपनी को तुरंत ब्लैक लिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जाए।