मुआवजे की रकम 1 करोड़ रुपये है। मामला साल 2016 से लटका था, जो कि अब पूरा होता दिख रहा है। जस्टिस जे के माहेश्वरी और जस्टिस अरविंद कुमार की खंडपीठ ने यह मामला सुनाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को एक विधवा महिला को मुआवजा देने का निर्देश दिया है। मुआवजे की रकम 1 करोड़ रुपये है। मामला साल 2016 से लटका था, जो कि अब पूरा होता दिख रहा है। दरअसल साल 2016 में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में काम करते समय मारे गए एक सरकारी डॉक्टर की विधवा पत्नी को अब तक मुआवजा नहीं मिला है। इसी सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को 1 करोड़ रुपये देने का निर्देश दिया है।
पहले देना था 50 लाख रुपये का मुआवजा
जस्टिस जे के माहेश्वरी और जस्टिस अरविंद कुमार की खंडपीठ ने यह मामला सुनाया है। इसमें उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा दायर की गई याचिका में आदेश पारित किया गया है। घटना साल 2016 में हुई थी। तब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर की काम के दौरान मौत हो गई थी। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड राज्य के मुख्य सचिव ने मई 2016 में मुख्यमंत्री को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन, यह रुपये अब तक नहीं दिए गए हैं।
9 साल बाद अब देना होगा 1 करोड़ का मुआवजा
न्यायालय ने आदेश में कहा है कि परिवार 9 साल से अधिक समय से मुकदमा लड़ रहा है। मगर स्वीकृत पैसे को परिवार द्वारा अनुरोध किए जाने के बावजूद अब तक स्वीकारा नहीं गया। वजह ये बताई गई कि उस राशि को जारी करने की मंजूरी नहीं दी गई है। कोर्ट ने कहा कि घटना की गंभीरता को देखते हुए राशि को मंजूर किया जाना चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने ब्याज सहित पैसे जारी करने का निर्देश दिया है। इस प्रकार 9 सालों का ब्याज जोड़ते हुए कुल रकम 1 करोड़ रुपये हुई है।