29 मार्च उत्तराखंड-राजस्थान ट्रेड एक्सपो का भव्य शुभारंभ

Dhananjay Dhoundiyal
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किशनगढ में* मदनगंज किशनगढ। सामाजिक सरोकारों में देश भर में अग्रणी *सम्पर्क संस्थान के तत्वावधान में हस्तकला,गृह उद्योगों, रियल स्टेट, कला संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए देश के सबसे बड़े जनसोहार्द *”उत्तराखंड-राजस्थान ट्रेड एक्सपो”* का भव्य शुभारंभ शनिवार से समारोहपूर्वक हुआ । पूर्व सभापति गुणमाला पाटनी, माहेश्वरी महिला मंडल अध्यक्ष सरिता मंत्री,आई टी आई प्राचार्य दिव्या कजवाडकर, सखी सहेली अध्यक्ष डॉ मंजू राठी, शम्मी कोठारी, जीतो उपाध्यक्ष बबिता संचेती, समाजसेवी गुंजन मोदानी, रेनु अग्रवाल, रेखा अग्रवाल ने फीता काटकर गणेश जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर सुभारम्भ किया । अतिथियों का स्वागत संपर्क अध्यक्ष अनिल लढ़ा, मेला संयोजक ललिता कापड़ी, सुनीता लढ़ा, कल्पना टाक, सबाना खान, सुनीता त्रिपाठी, ज्योति आचार्य, सत्येंद्र सिंह, नवींन व्यास ने किया एक्सपो संयोजक ललिता कापडी ने बताया की इस मेले का प्रमुख उद्देश्य अन्य राज्यों की लोक संस्कृति, यहां के स्वाद, यहां के पहनावे और यहां के खान-पान, रियल स्टेट और स्थानीय वस्तुओं से अन्य प्रदेश के लोगों को रूबरू कराना होगा साथ ही यह मेलास्वयं सहायता समूहों व निजी व्यवसाय करने वाली महिलाओं को आर्थिक व मानसिक रूप से मजबूती देने के साथ राजस्थान प्रदेश की संस्कृति खानपान आदि के प्रति आपसी समझ विकसित करने का माध्यम बनेगा।मेला सहसंयोजक कल्पना टाक, सुनिता लढ़ा ने बताया की इसके माध्यम से *लोक संस्कृति व व्यापार* को अन्य राज्यों से अवगत कराना है । इसके साथ ही उद्योगों को बढ़ावा देकर स्वयं की पहचान देश दुनिया में स्थापित करने ले उद्देश्य से यह मेला आयोजित किया जा रहा है । यह मेला हर उस महिला के लिए एक बहुत बड़ा अवसर है जो अपने बल बूते पर अपना व्यवसाय स्थापित कर रही हैं। इसके माध्यम से महिलाओं को अलग राज्य में अपनी पहचान स्थापित करने का अवसर मिलेगा। जो कि आने वाले समय में महिलाओं को अच्छा लाभ प्रदान करेगा। महिलाएं अपने कार्य के प्रति अधिक प्रेरित होंगी साथ ही मानसिक रूप से भी मजबूत बनेंगी। यह एक पहल है महिलाओं को दूसरे राज्य में स्वयं को स्थापित करने की।*विद्यार्थियों ने समझी लोक संस्कृति* इस एक्सपो के दौरान किशनगढ़ परिक्षेत्र के स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों ने उत्तराखंड की संस्कृति को नजदीक से देखा वह पहनावे, स्वाद का लुत्फ उठाया। राजस्थानी संस्कृति व उत्तराखंड की संस्कृति का संगम देखने को मिला ।

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