
हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं जिसमें 4500 से अधिक भक्त इस पावन क्षण के साक्षी बने। गुरुग्रंथ साहिब को सत खंड से निकालकर दरबार में सुशोभित किया गया। सुखमणि साहिब का पाठ किया गया सबद कीर्तन हुआ और अरदास के बाद कपाट खोले गए। इस साल की यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। गुरुद्वारे को सात कुंतल फूलों से सजाया गया है
गोपेश्वर। सिखों के धाम श्री हेमकुंड साहिब के कपाट आज रविवार को विधिविधान के साथ खोल दिए गए। इस दौरान 4500 भक्त गुरुद्वारे में मौजूद रहे और इस पल के साक्षी बने। हेमकुंड साहिब में गुरुद्वारे को सजाने के लिए सांत कुंतल फूलों का इस्तमाल किया गया है। 50 से अधिक लोग गुरुद्वारे को सजाने पर लगे।साढे़ नौ बजे गुरुग्रंथ साहिब को सत खंड से निकालकर दरबार में सुशोभित किया गया। 10 बजे सुखमणि साहिब पाठ, साढे़ ग्यारह से साढे़ 12 तक सबद कीर्तन, 12:35 पर कपाट खुलने अरदास और एक बजे हुकमनामा लिया गया। इसी के साथ इस साल की यात्रा शुरू हो गई। यात्रा में 4500 से अधिक यात्रियों ने शिरकत की। निशान साहेब व पंच प्यारों के नेतृत्व में 13 किमी पैदल यात्रा कर यात्री शनिवार की शाम को घांघरिया पहुंचे। घांघरिया से आज सुबह पांच बजे यात्रा दल हेमकुंड के लिए रवाना हुआ। जहां पहुंचने पर हेमकुंड साहिब के कपाट खोले गए।



