इस दिन होगी धामी कैबिनेट की बैठक, नई आबकारी नीति पर होगा फैसला, होंगे ये बदलाव

Dhananjay Dhoundiyal
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इस दिन होगी धामी कैबिनेट की बैठक, नई आबकारी नीति पर होगा फैसला, होंगे ये बदलाव

देहरादून उत्तराखंड में नई आबकारी नीति को लेकर मंथन जहाँ अंतिम दौर में वहीं कई प्रकार की अलग अलग चर्चायें चरम सीमा पर है। मौजूदा वर्ष 2023 24 में आबकारी विभाग को राजस्व अर्जन के लिये 3600 करोड़ रुपये का टारगेट दिया गया था जिससे विभाग अभी 300 करोड रूपये से अधिक पीछे चल रहा है।

सचिवालय में आबकारी महकमे की नई आबकारी नीति को बीते दिनो संपन्न कैबिनेट से ठीक एक दिन पहले प्रेषित किया गया था लेकिन इसमें कुछ बदलाव के लिये फिलहाल इसे रोका गया है। शासन के कई बडे अफसरो ने नई आबकारी नीति को लेकर फिलहाल किनारा करने में ही भलाई समझी है। बीते वर्ष भी आबकारी नीति बडी जद्दोजहद और तमाम प्रयासों के बाद ही आ सकी थी। सूत्रों के मुताबिक आबकारी नीति में मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिये लॉटरी कराने पर अधिक बल दिया जा रहा है।

जबकि कुछ चर्चित खास मौजूदा ठेकों को रिन्वूल कराने के प्लान में अधिक दिलचस्पी दिखा रहे है। आबकारी नीति को अधिक से अधिक हितकारी बनाने की चर्चाओं के बीच इस बार नीति निर्धाऱण से स्वयं महकमे के ही सीनियर अफसर किनारे है या किन्ही वजहों से किनारे कर दिये गये है। जूनियर अफसरों के पास स्कीम तो बहुत सी ही है लेकिन सही आंकडे न होने की भी चर्चायें आम है। कैेंटीन के माध्मय से कितनी शराब का उठान किया गया इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है।

जबकि डेली वेजस के आधार पर कितने ठेके चले और क्या लाभ हानि हुई से लेकर 15 जनवरी तक मिले राजस्व की जानकारी जुटाई जा रही हैं।देश के अन्य राज्यो में शराब ठेको पर जो विवाद हुआ उससे कई वरिष्ठ अधिकारी बैकफुट पर भी नजर आ रहे है।शासन स्थित सूत्रों की माने तो 23 जनवरी को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में नई आबकारी नीति आ सकती है गोपन से मंत्रियों को सूचना भेजी जा चुकी है

जानकारों की मानें तो नए होटल रेस्टोरेंट आदि में बार लाइसेंस लेने पर फीस में कुछ रियायत की तैयारी है ज्बकि जानकारों की ही मानें तो उत्तराखंड में इस वर्ष शराब के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर यहां भी शराब की कीमत में 10 प्रतिशत तक वृद्धि की जा सकती है। इस वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग को 4000 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य दिया गया है। आबकारी विभाग प्रदेश में सबसे अधिक राजस्व देने वाले विभागों में शामिल है।

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