स्वास्थ्य…उत्तराखंडस्वास्थ्य*उत्तराखंड में कंजेक्टिवाइटिस यानि आई फ्लू को लेकर जारी हुई गाइडलाइन, स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने जारी किए अहम दिशा निर्देश*Byधनंजय ढौडियाल (पहाड़ी)August 3, 2023074*उत्तराखंड में कंजेक्टिवाइटिस यानि आई फ्लू को लेकर जारी हुई गाइडलाइन, स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने जारी किए अहम दिशा निर्देश*उत्तराखंड में कंजेक्टिवाइटिस यानि आई फ्लू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। राज्य के सभी जिला अस्तपालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में रोजाना कंजेक्टिवाइटिस यानि आई फ्लू के मरीज पहुंच रहे हैं। आई फ्लू के मरीजों की संख्या में इजाफा देखते हुए अस्पताल प्रबंधन भी लगातार लोगों से आइसोलेट होने को कह रहा है। वहीं अब स्वास्थ्य विभाग ने कंजेक्टिवाइटिस यानि आई फ्लू को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने राज्य के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं। स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि जैसा कि आप विदित है कि वर्तमान में कन्जक्टिवाइटिस (आई फ्लू) रोग एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में परिलक्षित हो रहा है जो कि एलर्जी, बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है। कंजंक्टिवाइटिस किसी संक्रमित व्यक्ति की आंखों के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलता है और काफी संक्रामक हो सकता है। अपने जनपद में कन्जक्टिवाइटिस रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु चिकित्सालय स्तर पर समस्त आवश्यक औषधियों की उपलब्धता एवं अन्य तैयारियां सुनिश्चित रखें। कन्जक्टिवाइटिस रोग की रोकथाम के लिए आम जनमानस के मध्य जागरूकता की जाये। स्वास्थ्य सचिव ने कहा यदि आपको अपनी आंखों में आई फ्लू के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करके इलाज कराएं। खुद से ही या ओवर द काउंटर दवाओं या आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल न करें, इससे जोखिम बढ़ सकता है। *कंजक्टिवाइटिस (आई फ्लू) के लक्षण*आंख की बाहरी झिल्ली और पलक के भीतरी हिस्से में सूजन या संक्रमण। कंजंक्टिवाइटिस (आई फ्लू) या आंख आना, कंजक्टिवा नाम की आंख की परत की जलन या सूजन है, जो आंख की पुतली के सफेद हिस्से को प्रभावित करती है, जो कि एलर्जी, बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है। कंजक्टिवाइटिस किसी संक्रमित व्यक्ति की आंखों के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलता है और काफी संक्रामक हो सकता है।*लक्षण*1 आंखों में लाली आना2 लगातार खुजली जलन होना धुंधली दृष्टि एवं नम आंखें3 प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता, सूजी हुई पलकें4 पलकों का पपडी दार होना, दृष्टि संबंधित समस्याएं*संक्रमण को फैलने से कैसे रोकें?*1 कंजक्टिवाइटिस को फैलने से रोकने के लिए साफ-सफाई रखना सबसे जरूरी है, इसके अलावा इन बातों का ध्यान भी रखें।2 अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुए।3 जब भी जरूरी हो अपने हाथों को धोएं।4 अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया, आई कॉस्मेटिक्स (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें।5 अपने रूमाल, तकिये के कवर, तौलिये आदि चीजों को रोज धोएं।*क्या करें*1 जब भी जरूरी हो अपने हाथों को धोएं। अपने रूमाल, तकिये के कवर, तौलिये आदि चीजों को रोज धोएं।2 विशेषज्ञ से संपर्क करके इलाज करायें।3 घर से बाहर या धूल में निकलने से पहले चश्मा पहनना।4 अपने तकिए के कवर को बार-बार बदलें।*क्या ना करें*1 अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुएं। आंखों को हाथ से नहीं रगड़ना चाहिए।2 अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया, आई कॉस्मेटिक्स (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें ।3 खुद से ही या ओवर द काउंटर दवाओं याँ आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल न करें।4 आंखे ठीक होने तक आपको कॉन्टेक्ट लेंस पहनने से बचना चाहिए।