हल्द्वानी: जीजा के थे नाबालिग साली से संबंध, चचेरे भाई को देनी पड़ी जान
अवैध संबंधों की कहानी ने ऐसा मोड़ लिया, जिसमें चचेरे भाई को अपनी जान देनी पड़ी। यह मामला नैनीताल का है, जिसमें जीजा के अपनी नाबालिग साली से अवैध संबंध थे। नाबालिग साली ने एक बच्ची को भी जन्म दिया और अपनी बड़ी बहन के डर से इस बच्ची का पिता अपने चचेरे भाई को बता दिया। जिस कारण बेकसूर चचेरे भाई ने अवसाद में आकर आत्महत्या कर ली। चार साल बाद फैसला आया तो जीजा ही पीड़िता की बच्ची का जैविक पिता पाया गया। न्यायालय ने उसे 20 साल कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
पीड़िता के अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि 6 फरवरी 2020 को सात नंबर क्षेत्र मल्ली ताल नैनीताल की एक नाली में नवजात बच्ची मिली थी। उसे पहले बीडी पांडे और फिर डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। बच्ची की जान बच गई।
इधर, बच्ची को जन्म देने वाली 15 साल की लड़की की हालत बिगड़ी तो उसे भी डा. सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसके प्रसव की बात सामने आई और पीड़िता ने मान लिया कि नाली में मिली बच्ची उसी की है। उसने ही बच्ची को नाली में फेंका। साथ ही बताया कि बच्ची का पिता उसका चचेरा भाई है। भाई के खिलाफ मल्ली ताल थाने में केस दर्ज हुआ और स्पेशल जज पॉक्सो नंदन सिंह की कोर्ट में मुकदमा चला।
उसी वर्ष 17 अप्रैल को भाई ने आत्महत्या कर ली। मृत्यु से पहले चचेरे भाई और नवजात बच्ची के रक्त का नमूना लेकर एफएसएल को भेज दिया गया था। आठवें माह में रिपोर्ट आई तो भाई बच्ची का जैविक पिता नहीं पाया गया। जिसके बाद चचेरे भाई के पिता ने अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर दोबारा जांच की मांग की। साथ ही बताया कि पीड़िता के घर उसके जीजा सात नंबर वार्ड एक मल्लीताल निवासी का आना-जाना है।
जिसके बाद जीजा का रक्त भी एफएसएल भेजा गया। एफएसएल रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया कि जीजा ही बच्ची का जैविक पिता है। जिसके बाद लड़की ने भी माना कि उसके अपने सगे जीजा के साथ अवैध संबंध थे। इस मामले में अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने 10 गवाह परीक्षित कराए, जिसके आधार पर आरोपी को 20 साल कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।