जंगलों में सांप-बिच्छू तो बॉर्डर पर सेना, अमेरिका जाना मौत से टक्कर; डिपोर्ट हुए लोगों की कहानी रोंगटे खड़े कर देगी

lokjanexpress.com
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अमेरिका का सैन्य विमान सी-17 बीते बुधवार को 104 अवैध भारतीय प्रवासियों के साथ अमृतसर के श्री गुरु राम दास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा। ये भारतीय अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे थे और उन्हें डिपोर्ट किया गया था। इनमें सबसे ज्यादा गुजरात हरियाणा और पंजाब के लोग थे। ये लोग अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने के लिए डंकी रूट का इस्तेमाल करते थे।

अमृतसर। अमेरिका का सैन्य वाहन सी-17 बीते बुधवार 104 अवैध भारतीय प्रवासियों के जत्था को लेकर अमृतसर के श्री गुरु राम दास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा। इस दौरान कड़ी सुरक्षा के बीच वाहन की लैंडिंग हुई। हाथों में हथकड़ी और बेड़ियों से बंधे भारतीयों को प्लेन से उतारा गया और उनका सत्यापन किया गया।

डंकी रूट से अमेरिका जाने वाले भारतीयों में सबसे ज्यादा गुजरात, हरियाणा और पंजाब के लोग थे। ये भारतीय अमेरिका कैसे पहुंचे और क्या है डंकी रूट, जिसके जरिए अवैध रूप से विदेशों में एंट्री होती है और इस बीच यात्री को किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा आइए, यह विस्तार से जानते हैं। इसके साथ ही जानते हैं उन यात्रियों के सफर की कहानी जिन्होंने घर वापसी के बाद अमेरिका के सफर तक की कहानी शेयर की।

अमेरिका से 104 लोग आए वापस

अमेरिका से डिपोर्ट होकर भारत के छह राज्यों के लोग दोपहर को श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंच चुके हैं। 104 यात्रियों का अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 अमेरिका के शहर सैन एंटोनियो से फ्लाइट संख्या आरसीएम 175 लेकर यहां आया है।  विमान दोपहर करीब दो बजे अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचा था।

48 की उम्र 25 से कम

अमेरिका से भारत वापस आए यात्रियों में अड़तालीस लोगों की उम्र 25 साल से कम थी। इस विमान में 25 महिलाएं और 12 नाबालिग भी शामिल थे। मंगलवार को टेक्सास से उड़ान भरने वाले इस विमान में 11 चालक दल के सदस्य और निर्वासन प्रक्रिया की निगरानी करने वाले 45 अमेरिकी अधिकारी भी थे।

विमान में सभी यात्रियों के पांव, हाथ व कमर हथकड़ियां में बांधकर रखे गए थे, लेकिन एयरपोर्ट पर उतारने से पहले विमान में उनकी हथकड़ियां उतार ली गईं। विमान के अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचने पर कस्टम व इमिग्रेशन विभाग के अधिकारियों ने सभी यात्रियों के दस्तावेजों की जांच की।

अमेरिका से लौटे विक्रमजीत की कहानी

अमेरिका से लौटे विक्रमजीत सिंह ने बताया कि अमेरिका पहुंचने के लिए कई देशों के जंगलों में भी भटके। वह डंकी के रास्ते अमेरिका पहुंचे लेकिन कैंप में ही रुकना पड़ा। विक्रमजीत 50 लाख रुपये देकर करीब एक महीना पहले ही अमेरिका पहुंचा गया था।कई देशों व जंगलों से भटकने के बाद किसी तरह अमेरिका की सीमा में तो प्रवेश कर गया लेकिन अभी तक कैंप में ही मौजूदा था कि अमेरिका सरकार द्वारा उसे वापस भेजने का फरमान जारी कर दिया गया। 

लाखों खर्च कर अमेरिका पहुंचा जसपाल

ऐसे ही एक कहानी जसपाल की है। अमेरिका से लौटे जसपाल सिंह डंकी के रास्ते करीब दो साल तक 30 लाख रुपए खर्च कर इंग्लैंड गया था। जसपाल के तीन एकड़ जमीन थी, जिसमें दो एकड़ बेचकर वह इंग्लैंड गया था। वह इंग्लैंड जाने से पहले 8 साल साउदी अरब और 4 साल तक कतर में भी रह चुका है।

अमेरिका सेटल होना चाहता था अमृत

अमृत सिंह भी अमेरिका जाकर सेटल होना चाहता था। इसी चाह में डंकी रूट से वह पांच माह में अमेरिका पहुंचा था। पिता जमींदार हैं। उनके पास तकरीबन सात एकड़ जमीन है।इस बीच दो महीने तक जंगलों में रातें गुजारने पड़ीं। किसी तरह से अमेरिका पहुंचा, लेकिन बॉर्डर पार करते ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए। अभी गांव में लोगों को अमेरिका पहुंचने की बात भी नहीं बता पाए थे कि डिपोर्ट कर दिया गया। 

पलवीर का सपना रह गया अधूरा

जालंधर कैंट के रहमानपुर के मरीन एन्क्लेव में रहने वाला 22 वर्षीय पलवीर सिंह इसी साल सात जनवरी को 45 लाख रुपये देकर नवांशहर के एक ट्रैवल एजेंट के माध्यम से अमेरिका गया था। उसे विदेश जाने का बहुत शौक था। पढ़ाई छोड़ने के बाद से वह अमेरिका जाने की जिद पकड़े हुए था। बेटे की जिद को देखते हुए उन्होंने इमीग्रेशन कंसल्टेंट को 45 लाख रुपये देना तय हुआ

क्या होता है डंकी रूट

अमेरिका जाने के लिए अवैध रूप से जो रास्ता अपनाया जाता है पंजाबी में उसे ‘डुंकी रूट’ कहा जाता है। सामान्य भाषा में इसे डंकी मार्ग कहा जाता है। इसका मतलब एक जगह से दूसरी जगह कूदना होता है।यह रास्ता जोखिमों से भरा होता है। यात्रा के दौरान यात्री को कई दिनों तक खराब मौसम, भूख, बीमारी, दुर्व्यवहार और कभी-कभी तो मौत का भी सामना करना पड़ता है। इस दौरान खतरनाक पनामा के जंगलों से भी होकर जाना पड़ता है। पनामा के जंगलों में जहरीले सांप और बिच्छु भी पाए जाते हैं। 

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