Smart Bijli Meter उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध जारी है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि प्रदेशभर में आरोप लग रहे हैं कि सरकार जबरन आमजन पर यह मीटर थोप रही है। वहीं सरकार का कहना है कि इससे बिजली चोरी रुकेगी और बिलिंग की समस्या समाप्त होगी। देशव्यापी योजना के तहत स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य किया जा रहा है।

- पर्वतीय व ऐसे क्षेत्र जहां इंटरनेट नहीं, वहां नहीं लगेंगे स्मार्ट मीटर
- -सरकार ने सदन में स्मार्ट मीटर पर विपक्ष के सवालों का दिया जवाब-विपक्ष ने किया विरोध, कहा गरीबों पर बोझ डाल रही सरकार, किया बहिर्गमन
देहरादून। Smart Bijli Meter: प्रदेश में स्मार्ट मीटर पर्वतीय क्षेत्रों व ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में अभी नहीं लगाए जाएंगे, जहां इंटरनेट कनेक्शन नहीं हैं। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में स्पष्ट किया कि देशव्यापी योजना के तहत स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य किया जा रहा है। इससे रियल टाइम में बिजली की खपत का पता चल सकेगा। जो व्यक्ति बिजली का जितना इस्तेमाल करेगा, उसे उतना ही बिल भरना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह मीटर प्रीपेड नहीं, बल्कि पोस्ट पेड मोड पर ही लगाए जा रहे हैं।सरकार के इस जवाब से नाराज विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। इससे पूर्व सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने से पहले कांग्रेस विधायकों ने प्रवेश द्वार के समक्ष धरना भी दिया। बुधवार को सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस ने सदन में नियम 310 में स्मार्ट मीटर पर चर्चा करने की मांग की, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने इसे नियम 58 की ग्राह्यता पर सुनने की व्यवस्था दी।
इस पर चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि प्रदेशभर में आरोप लग रहे हैं कि सरकार जबरन आमजन पर यह मीटर थोप रही है। डिजिटल मीटर दो वर्ष पूर्व ही लगाए गए हैं। इनमें काफी भ्रष्टाचार की बातें सामने आई। अब फिर से मीटरों को बदला जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार अदाणी समूह को प्री पेड मीटर लगाने का कार्य सौंप चुकी है।उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में इसके विरोध में प्रदर्शन व घेराव हो रहे हैं। स्मार्ट मीटर लगाने के बाद कंपनियां जनता पर मनचाहा दबाव बनाएंगी। उन्होंने कहा कि इसे रिचार्ज न करने पर बिजली स्वत: ही कट जाएगी। जहां नेटवर्क नहीं होगा, वहां लोग इसका कैसे इस्तेमाल करेंगे। जहां पहले स्मार्ट मीटर लगे हैं, वहां इनमें काफी खामियां आ रही हैं। कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करती है।
विधायक तिलकराज बेहड़ ने कहा कि सरकार ने गढ़वाल व कुमाऊं में अलग-अलग कंपनियों को 2027 करोड़ की लागत से इन मीटर को लगाने का ठेका दिया है। गढ़वाल में यह ठेका जेनेसिस कंपनी को दिया है, जिसके यहां इडी का छापा पड़ा है और उसके दो अधिकारी जेल में हैं। उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि इस मीटर का बिल 28 दिन में आएगा, यानी आमजन को 12 माह के स्थान पर 13 माह का बिल भुगतान करना होगा।
कांग्रेस की ओर से ममता राकेश, भुवन चंद कापड़ी, आदेश चौहान, गोपाल सिंह राणा, प्रीतम सिंह, सुमित हृदयेश, विक्रम नेगी, मनोज तिवारी, रवि बहादुर, ममता राकेश व वीरेंद्र जाति ने भी अपने विचार रखे। इसका जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि मीटर लगाने से चोरी रुकेगी। इसकी आनलाइन रीडिंग आने से बिलिंग की समस्या समाप्त होगी। कंपनी चयन का कार्य पूरी पारदर्शिता से किया गया है। सरकार इस पर सोच समझ कर काम कर रही है।


