
Fake Marksheet: फर्जी डिग्रियां तैयार करने वाले धनेश मिश्रा को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। उसकी छह से अधिक विश्वविद्यालयों में सांठगांठ है। किसी भी कोर्स की डिग्री बनाने के लिए उसे महज एक महीने का समय लगता था।
आगरा एसटीएफ की गिरफ्त में आया धनेश मिश्रा एलएलबी पास है। वह 2 साल से अजीत नगर में दुकान से 4 ओपन विश्वविद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी करा रहा था। इसकी आड़ में दिल्ली, झारखंड, बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में स्थित विश्वविद्यालयों की फर्जी अंकतालिकाएं और डिग्री बनाकर दे देता था। इसके लिए संबंधित विश्वविद्यालय के बाबुओं से सेटिंग रखता था। वह जिन विश्वविद्यालयों में प्रवेश दिलाता था, उनके पढ़ने वाले विद्यार्थियों की कॉपियां भी कर्मचारी युवतियों से खुद ही लिखवाता था। एक महीने में अंकतालिका थमा दी जाती थी। अब एसटीएफ के रडार पर फर्जी मार्कशीट और डिग्रियां बनवाने वाले लोग हैं।
यूनिवर्सिटी से भी फर्जीवाड़े की आशंकाजुलाई में प्रवेश लेने वालों को 1 महीने बाद ही अगस्त में अंकतालिका तक दे दी जाती थी। ऐसे में यूनिवर्सिटी में भी फर्जीवाड़े की आशंका है। इस बारे में टीम जानकारी जुटा रही है। काम करने वाली युवतियों को 5 से 6 हजार रुपये प्रतिमाह मिला करते थे। एसटीएफ अब इन कर्मचारियों से भी पूछताछ करेगी। एसटीएफ ने आरोपी से जो कॉपियां बरामद की हैं, उनमें लिखावट एक जैसी है।
इन विवि की मिली थीं अंकतालिका
एंजेएस विवि, शिकोहाबाद की 102 रिक्त अंकतालिकाएं, सिक्किम की डिस्टेंस लर्निंग यूनिवर्सिटी की 37, मानव भारती यूनिवर्सिटी, सोलन, एमपी के 4 रिक्त प्रमाणपत्र, मोहर व हस्ताक्षर सहित, यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान के तीन माईग्रेशन सर्टिफिकेट, तीन अंकपत्र तिलका माहजी भागलपुर विश्वविद्यालय, 21 अंकतालिका व प्रमाण पत्र राष्ट्रीय कंप्यूटर शिक्षा मिशन, नेशनल कंप्यूटर लिटरेसी प्रोग्राम, स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी का एक प्रमाण पत्र, चार प्रमाणपत्र ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, कामेश्वर नगर, दरभंगा, चार प्रमाणपत्र सीएमजे यूनिवर्सिटी, मेघालय, दो माईग्रेशन व प्रमाणपत्र वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी, जौनपुर, छह प्रमाणपत्र इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली, तीन प्रमाणपत्र जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, जोधपुर शामिल हैं।