Uniform Civil Code में मैरिज रजिस्‍ट्रेशन की प्रक्रिया हुई आसान, अब अपलोड नहीं करना होगा ये डॉक्‍यूमेंट

News Desk
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Uniform Civil Code समान नागरिक संहिता के अंतर्गत पोर्टल पर विवाह पंजीकरण के लिए आवेदक को अब अपना फोटो अपलोड करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए दूसरा रास्‍ता निकाला गया है। जिसके बाद अब मैरिज रजिस्‍ट्रेशन प्रक्रिया कुछ आसान हो जाएगी। वहीं प्रदेश में अभी तक लिव इन में रहने के लिए 46 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।

  1. पहले से ही पंजीकृत विवाह की स्वीकृति को वीडियो केवाइसी जरूरी नहीं
  2. विवाह प्रमाण पत्र को डिजी लाकर में उपलब्ध कराने पर हो रही है कार्यवाही

देहरादून। Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता के अंतर्गत पोर्टल पर विवाह पंजीकरण के लिए आवेदक को अब अपना फोटो अपलोड करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह फोटो स्वत: ही आधार कार्ड से लिया जाएगा।

साथ ही पूर्व में पंजीकृत विवाह की स्वीकृति के लिए गवाह के वीडियो केवाइसी की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। समान नागरिक संहिता के तहत प्राप्त पंजीकरण प्रमाण पत्र को अब डिजी लाकर पर उपलब्ध कराने की कार्रवाई चल रही है। प्रदेश में अभी तक लिव इन में रहने के लिए 46 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।

बुधवार को सचिव गृह शैलेश बगौली की अध्यक्षता में समान नागरिक संहिता के अंतर्गत विभिन्न सेवाओं के पंजीकरण के संबंध में समीक्षा की बैठक की गई। बैठक में बताया गया कि यूसीसी पोर्टल पर अब तक लगभग 94,000 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।

विभिन्न सेवाओं के पंजीकरण को औसतन 174 आवेदन

इनमें से 73,093 आवेदन विवाह पंजीकरण, 19,956 आवेदन पंजीकृत विवाह की स्वीकृति, 430 आवेदन वसीयतनामा व उत्तराधिकार, 136 तलाक की शून्यता और चार आवेदन बिना वसीयत उत्तराधिकार से संबंधित हैं। इनमें से 89 प्रतिशत आवेदनों को स्वीकृत और लगभग पांच प्रतिशत को निरस्त किया गया है, शेष पर प्रक्रिया गतिमान है। समान नागरिक संहिता के अंतर्गत विभिन्न सेवाओं के पंजीकरण को औसतन 174 आवेदन जिलों को प्राप्त हो रहे हैं।

सचिव गृह ने बैठक में सभी जिलाधिकारियों को समान नागरिक संहिता से संबंधित सेवाओं के पंजीकरण को जनजागरूकता शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने कार्मिकों के शत-प्रतिशत पंजीकरण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में आवेदन पत्र निरस्त किए जा रहे हैं, वहां इनके कारणों की समीक्षा की जाए। यह भी बताया गया कि प्रदेश में अब केवल 382 ग्राम पंचायतें ऐसी रह गई हैं, जहां से किसी भी प्रकार के आवेदन प्राप्त नहीं हुए हैं।

लिव इन की गोपनीयता सुनिश्चित करने के निर्देश

सचिव गृह ने सभी जिलाधिकारियों को लिव इन पंजीकरण के मामलों में गोपनीयता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह देखने में आ रहा है कि कई स्थानों पर लिव इन के आवेदन व पंजीकरण होने के बारे में बताया जा रहा है। इससे आवेदकों की गोपनीयता भंग होने की आशंका रहती है। ऐसे में लिव इन के मामलों में गोपनीयता बरकरार रखी जाए।बैठक में अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती व निदेशक आइटीडीए नितिका खंडेलवाल व आनलाइन माध्यम से जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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