
कोहली से पहले बुधवार को रोहित शर्मा ने भी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था। इन दोनों के अचानक लिए गए फैसले से भारतीय क्रिकेट फैंस सदमे में हैं। ऐसा क्या हुआ जिसने कोहली को संन्यास लेने के लिए मजबूर किया, आइए जानते हैं…
विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। सोमवार को इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर उन्होंने दुनिया को यह जानकारी दी। कोहली के अचानक लिए गए इस फैसले ने दुनिया को चौंका कर रखा दिया। बताया जा रहा है कि कोहली ने अप्रैल में ही बीसीसीआई को इसकी जानकारी दे दी थी। हालांकि, बोर्ड ने उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था।
बोर्ड चाहता था कि 36 साल के कोहली इंग्लैंड दौरे पर टीम के साथ जाएं, लेकिन इस दिग्गज बल्लेबाज ने सबसे लंबे प्रारूप को अलविदा कहने का मन बना लिया था। इससे पहले बुधवार को रोहित शर्मा ने भी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था। इन दोनों के अचानक लिए गए फैसले से भारतीय क्रिकेट फैंस सदमे में हैं। ऐसा क्या हुआ जिसने कोहली को संन्यास लेने के लिए मजबूर किया, आइए जानते हैं…
हाल फिलहाल में खराब फॉर्म
कोहली का प्रदर्शन पिछली दो टेस्ट सीरीज में बेहद खराब रहा था और इन दोनों सीरीज में टीम इंडिया को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। न्यूजीलैंड ने पिछले साल भारत आकर टीम इंडिया को तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप किया था। इस सीरीज में कोहली तीन मैचों की छह पारियों में 15.50 की औसत से 93 रन बनाए थे। वहीं, ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कोहली पांच मैचों की नौ पारियों में 190 रन बना पाए थे। इसमें एक शतक शामिल है। कोहली ने पर्थ में पहले टेस्ट में ही शतक लगाया था। इसके बाद आठ पारियों में वह केवल 90 रन बना सके। कोहली आठ बार आउट हुए और इसमें से सात बार वह ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर छेड़छाड़ करते हुए आउट हुए। हो सकता है इन दो टेस्ट सीरीज ने कोहली को यह सोचने पर मजबूर किया होगा कि उनका समय आ चुका है। कोहली को ऑस्ट्रेलिया में रन बनाना पसंद है, लेकिन पिछले दौरे पर फेल रहने के बाद और हो रही आलोचनाओं के बाद उन्होंने टेस्ट करियर पर विराम लगाने का सोचा। अगर कोहली ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रन बनाते तो हो सकता है वह इंग्लैंड दौरे के लिए विचार करते, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

फैंस का दबाव
2012-13 में जब भारतीय टेस्ट में बदलाव का दौर आया था तब सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज खिलाड़ियों ने क्रिकेट को अलविदा कहा था। उस वक्त विराट कोहली ने अपने दम पर जीत का विश्वास पैदा किया था। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर और फिर दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने कई शानदार पारियां खेलीं, जिससे भारतीय फैंस के मन में उनको लेकर विश्वास जगा। फैंस को लगा कि भारतीय मध्यक्रम को नया स्टार मिल गया है जो अपने दम पर मैच पलटने की क्षमता रखता है। उन्होंने एक के बाद एक कई शतक लगाए। जब वह बल्लेबाजी के लिए आए तो पूरे देश को विश्वास होता था कि यह बल्लेबाज कुछ करेगा। इस दबाव के साथ उन्होंने 14 साल टेस्ट खेला, लेकिन हाल फिलहाल में उन्होंने बताया कि यह इतना भी आसान नहीं था। हाल ही में आरसीबी के पॉडकास्ट में उन्होंने बयान दिया था कि फैंस को हमेशा उनसे उम्मीद रहती थी। उन्होंने खुद को कभी इस दबाव से मुक्त नहीं पाया। जब भी वह खराब बल्लेबाजी करते थे तो उन्हें लगता था कि सारे फैंस की नजरें उन पर ही हैं। वह इससे परेशान रहने लगे थे और उन्होंने सोचा कि खुश रहना ज्यादा जरूरी है। इसकी वजह से उन्होंने भारतीय टीम की कप्तानी भी छोड़ी थी। संन्यास के पीछे एक यह वजह भी हो सकती है।
नए चक्र में नए खिलाड़ियों को मौका
कोहली के बल्ले से सूखा का दौर साल 2020 से शुरू हुआ था। इसके बाद वह लगातार करीब तीन साल तक किसी प्रारूप में शतक नहीं लगा पाए। यह उनके करियर का सबसे खराब दौर रहा। उन पर बोझ बढ़ा और इससे उन्होंने कप्तानी छोड़ दी और बल्लेबाजी पर फोकस करने की कोशिश की। कोहली ने हाल ही में पॉडकास्ट में बताया था, ‘अगर कप्तानी में संघर्ष नहीं कर रहा होता था तो बल्लेबाजी में संघर्ष कर रहा होता था। मैं हर समय इसके बारे में सोचता था। यह मेरे लिए काफी मुश्किल हो गया था और आखिर में यह मुझ पर बहुत अधिक हावी हो गया था।’ 2022 में टेस्ट की कप्तानी छोड़ने के बाद कोहली ने काफी समय के लिए क्रिकेट से ब्रेक भी लिया था और बिल्कुल ही बल्ला नहीं छुआ। उन्होंने कहा कि उनके जीवन में एक समय ऐसा भी आया था जब वह निजी जीवन में खुश रहने के लिए संघर्ष कर रहे थे। हालांकि, उन्होंने 2022 में एशिया कप टी20 में अफगानिस्तान के खिलाफ शतक लगाया और वापसी की। इसके बाद वनडे और टी20 में तो उनका फॉर्म शानदार रहा, लेकिन टेस्ट में उन पर सवाल खड़े होते रहे। पिछले साल न्यूजीलैंड और फिर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बल्ले से रन नहीं निकलने के बाद कोहली ने नए खिलाड़ियों को मौका देने के बारे में सोचा होगा। अगले महीने इंग्लैंड दौरे से भारत के नए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र की शुरुआत हो रही है और कोहली को लगा होगा कि नए खिलाड़ियों को मौका देने और जमने का इससे अच्छा अवसर नहीं हो सकता।


