नेता प्रतिपक्ष ने प्रधानाचार्य भर्ती को लेकर साधा निशाना, कहा- शिक्षा मंत्री से समाधान नहीं निकल रहा तो सुझाव देने को तैयार

News Desk
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नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने प्रधानाचार्य भर्ती में देरी के लिए शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अगर शिक्षा मंत्री समाधान नहीं निकाल पा रहे हैं तो वे सुझाव देने को तैयार हैं। आर्य ने मंत्री के कांग्रेस विधायकों पर भर्ती रोकने के आरोप पर भी सवाल उठाए और कहा कि विभाग ने पहले अपनी गलती स्वीकार की थी।

  1. शिक्षा मंत्री पर यशपाल आर्य का निशाना
  2. भर्ती में देरी पर कांग्रेस का विरोध
  3. विभाग ने पहले गलती स्वीकारी थी

संवाददाता लोकजन एक्सप्रेस देहरादून। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने प्रधानाचार्य की भर्ती नहीं होने को लेकर कांग्रेस विधायकों को जिम्मेदार ठहराने के शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत के वक्तव्य पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री से समस्या का समाधान नहीं निकल रहा है तो वह बिंदुवार समाधान के लिए सकारात्मक सुझाव देंगे।

प्रदेश में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों एवं प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों पर भर्ती को लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और सरकार आमने-सामने है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा था कि 90 प्रतिशत राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक नहीं हैं।

उन्होंने शिक्षा मंत्री के विगत फरवरी माह में विधानसभा के बजट सत्र में प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती करने के आश्वासन पर तीन माह बीतने पर भी कार्यवाही नहीं होने का विषय उठाया था। जवाब में शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस विधायकों के विरोध के कारण प्रधानाचार्य पदों पर भर्ती रुकने की बात कही।

इस पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने शिक्षा मंत्री को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि सदन में जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने 58 विधायकों के प्रधानाचार्य भर्ती परीक्षा का विरोध करने की बात कही थी। उन्होंने पूछा कि कांग्रेस के वर्तमान में 20 विधायक हैं। ऐसे में शेष 38 विधायक कौन हैं, इसके बारे में भी उन्हें बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि बजट सत्र के पांच माह पहले विभाग ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए भर्ती परीक्षा स्थगित कर दी थी।




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