जंगल में मिली ग्राफिक एरा के छात्र की लाश, वीडियो कॉल पर कहा था- ‘मां मुझे डर लग रहा है…शायद मैं वापस नहीं आऊंगा’

क्राइम

Graphic Era Student Death ग्राफिक एरा हल्द्वानी के छात्र दिव्यांशु पांडे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। उनका शव मंडी बाईपास के पास जंगल में पेड़ से लटका मिला है। दोस्तों का कहना है कि दिव्यांशु ने खुदकुशी की है लेकिन परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

  1. दोस्तों के संग पार्टी करने मंडी बाईपास के पास जंगल में आया था हल्दूचौड़ दौलिया का छात्र
  2. हल्दूचौड़ ग्राफिक एरा से बीकाम आनर्स तृतीय सेमेस्टर की कर रहा था पढ़ाई

 संवाददाता, हल्द्वानी । दोस्तों के संग पार्टी मनाने मंडी बाईपास के पास जंगल में आए ग्राफिक एरा हल्दूचौड़ के छात्र की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई है। दोस्तों का कहना है कि छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है। उन्होंने फंदा काटकर उसे नीचे उतार दिया था।

हालांकि, छात्र के स्वजन ने दोस्तों पर बेटे की हत्या कर शव को पेड़ से लटकाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने शव मोर्चरी में रखवा दिया है। साथ ही छात्र के तीन दोस्तों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। रात तक जंगल से साक्ष्य जुटाए गए। हल्दूचौड़ के दौलिया गांव में रहने वाला 20 वर्षीय दिव्यांशु पांडे पुत्र गोपाल दत्त पांडे हल्दूचौड़ ग्राफिक एरा से बीकाम आनर्स कर रहा था।

दिव्यांशु घर से कालेज जाने की बात कहकर गया था

वह तृतीय सेमेस्टर में था और घर का इकलौता बेटा था। पिता सिडकुल की टाटा कंपनी में नौकरी करते हैं और मां सावित्री देवी दीना स्कूल में भोजनमाता हैं। दिव्यांशु के चाचा दयाल पांडे ने बताया कि शनिवार को दिव्यांशु घर से कालेज जाने की बात कहकर गया था, लेकिन वह कालेज नहीं पहुंचा। दोपहर ढाई बजे दिव्यांशु ने अपनी मां को वीडियो काल किया और बताया कि उसे घबराहट हो रही है।

शाम पौने छह बजे पुलिस ने शव को जंगल से बरामद कर लिया। इस दौरान दिव्यांशु के एक दोस्त ने बताया कि दिव्यांशु ने फांसी लगा ली थी। उसने फंदे को काट दिया, जिससे दिव्यांशु जमीन पर पड़ा हुआ था। इधर, दिव्यांशु के पिता गोपाल दत्त पांडे, चाचा दयाल पांडे व मामा मथुरा दत्त नैनवाल का कहना है कि उनके बेटे की दोस्तों ने मिलकर हत्या कर दी है। हत्या को आत्महत्या दिखाने के लिए शव को फंदे से लटका दिया।

छात्र की मौत संदिग्ध है। उसका शव फंदे पर लाल रंग की शर्ट से लटका था। इस प्रकरण की हर स्तर से जांच कर रही है। अगर छात्र की हत्या हुई है तो आरोपितों को उसकी सजा मिलेगी। – प्रह्लाद नारायण मीणा, एसएसपी

मां मुझे डर लग रहा है…शायद अब मैं वापस नहीं आऊंगा

हल्द्वानी : हेलो मां, मैं आज कालेज नहीं गया। दोस्तों के संग पार्टी करने के लिए जंगल में आ गया था। मैंने आपको यह बात नहीं बताई, लेकिन अब मुझे डर लग रहा है। शायद मैं लौटकर नहीं आ पाऊंगा। ये अंतिम शब्द दिव्यांशु के थे, जिसने मां सावित्री देवी को वीडियो काल की थी। इसके बाद न उसका फोन आया और न फोन उठा।हल्दूचौड़ के दौलिया गांव में रहने वाले होनहार छात्र दिव्यांशु पांडे की मौत से स्वजन पर दुखों का पहाड़ टूट चुका है। अकेले बेटे को खोने का दुख क्या होता है यह पिता की आंखों में दिख रहा था। बेटे की मौत की गुत्थी को सुझलाने के लिए गोपाल दत्त पांडे रुद्रपुर सिडकुल से घटनास्थल पर पहुंच गए।घुप्प अंधेरा होने पर मोबाइल का टार्च जलाया और जंगल में घूमने लगे। कभी वह उस स्थान पर पहुंचे, जहां पर बेटे के जूते थे तो कभी उस स्थान पर पहुंच जाते जहां पर फंदा लगा हुआ था। गोपाल का आरोप है कि दोस्तों ने बेटे की हत्या की है। दोस्त उसे बहाने से जंगल में पार्टी करने के लिए ले गए। इसके बाद मौका पाकर उसे मौत के घाट उतारा। घटना के बाद दोस्त उन्हें व उनके गांव वालों को गुमराह कर रहे थे।असल में शनिवार को दिव्यांशु कालेज जाने की बात कहकर गया था। वह ड्रेस पहनकर नहीं गया था। ढाई बजे उसने मां को फोन किया। साढ़े तीन बजे दोस्त ने दिव्यांशु की मां को फोन कर मौत की सूचना दी। कहा दिव्यांशु ने फांसी लगाई है। स्वजन इसे हत्या मान रहे हैं।

हेक्सा ब्लेड कहां से आई..

दिव्यांशु के चाचा दयाल पांडे का कहना था कि जब वह जंगल में पहुंचे तो भतीजे का शव जमीन पर गिरा हुआ था। उसके गले में फंदा था। दिव्यांशु के एक दोस्त ने बताया कि उसने फंदे को हेक्सा ब्लेड से काटा है। उनका कहना है कि युवक के पास जंगल में हेक्सा ब्लेड कहां से आई।

लाल रंग की शर्ट किसकी, जैकेट क्यों उतारी

छात्र दिव्यांशु पांडे का शव जिस पेड़ से लटका मिला। उसके बगल के एक छोटे से पेड़ पर उसकी जैकेट टंगी हुई थी। फंदा लाल रंग की शर्ट से लगाया गया है। सवाल उठ रहा है कि लाल रंग की शर्ट किसकी है और जैकेट पास के पेड़ में क्यों टांगी होगी। कई सवालों के जवाब मिलने अभी बाकी हैं।

पुलिस पर देरी से घटनास्थल पर पहुंचने का आरोप

युवक के गांव से आए साथियों व स्वजन ने पुलिस पर घटनास्थल पर देरी से पहुंचने का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि पुलिस को तीन बजे सूचना दे दी थी, लेकिन मंडी चौकी पुलिस ने पूरे मामले में लापरवाही बरती। चौकी इंचार्ज सुनने को तैयार नहीं हुए। साढ़े पांच बजे चौकी से एक दारोगा आए। इसके बाद इंचार्ज व कोतवाल मौके पर आए। पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल पर आकर अभद्रता की।

सेमल के पेड़ के नीचे क्यों लगाई आग, क्या जलाया?

दिव्यांशु की मौत का मामला हत्या की ओर इशारा कर रहा है, क्योंकि दोस्तों के बयानों में विरोधाभास हो रहा है। अलग-अलग बयान पुलिस को दिए जा रहे हैं। सवाल यह है कि जंगल में गए दोस्तों ने सेमल के पेड़ के नीचे क्या जलाया। एक जैकेट जलने के निशान भी मिले हैं। आग के पास संतरे के छिलके, एक भगोना व अन्य सामान मिला है। पुलिस ने फोरेंसिक टीम को बुलाकर साक्ष्य एकत्र कर लिए हैं।

पुलिस के पास टार्च नहीं, मोबाइल के उजाले से छाना जंगल

पुलिस दिव्यांशु का शव मिलने के बाद घटनास्थल पर पहुंचे। देर रात सीओ सिटी नितिन लोहनी भी पहुंच गए थे। सड़क से आधा किलोमीटर अंदर शव मिला था। रात होने पर पुलिस के पास एक टार्च तक नहीं दिखा। सिपाही से लेकर अधिकारी तक मोबाइल का टार्च जलाकर जंगल में घूमते रहे।

पीड़ित परिवार को 20 लाख का मुआवजा दे सरकार

समाजसेवी पीयूष जोशी ने छात्र दिव्यांशु पांडे की मौत मामले में पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि तत्काल दोषियों की धर पकड़ शुरू की जाए और सरकार पीड़ित परिवार को 20 लाख का मुआवजा दे। अन्यथा पीड़ित के परिवार के साथ पूरा क्षेत्र उग्र आंदोलन करेगा। जिसकी जिम्मेदारी पुलिस-प्रशासन की होगी

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